एक बार फिर रुलाएंगे प्याज के दाम! महाराष्ट्र के गलियारे से आई बुरी खबर - Punjab Kesari
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एक बार फिर रुलाएंगे प्याज के दाम! महाराष्ट्र के गलियारे से आई बुरी खबर

प्याज उत्पादकों ने की मुआवजे की मांग, कीमतें बढ़ने की आशंका

महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल बर्बाद हो गई है, जिससे किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। प्याज उत्पादक संगठन ने मुख्यमंत्री से मुआवजे की मांग की है। इस संकट के कारण आने वाले हफ्तों में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं को भी प्रभावित होना पड़ सकता है।

onion prices: मई महीने में दक्षिण और मध्य भारत में मूसलधार बारिश के चलते कई राज्यों की फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचा है. महाराष्ट्र, जो देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है, इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. यहां की प्याज की फसल बारिश की वजह से बर्बाद हो गई है, जिससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों के संगठन ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखकर, भारी बारिश के कारण अपनी फसल गंवाने वाले किसानों के लिए प्रति एकड़ 1 लाख रुपए मुआवजे की मांग की है. इस पत्र पर संगठन के अध्यक्ष भरत दिघोले और नासिक जिला प्रमुख जयदीप भदाणे के हस्ताक्षर हैं.

प्याज उत्पादक जिलों में हालात चिंताजनक

इस पत्र में बताया गया है कि मई की शुरुआत से ही राज्य के कई प्याज उत्पादक जिले जैसे जलगांव, नासिक, धुले, पुणे, बीड, धाराशिव, अकोला, जालना आदि जिलों में बारिश ने फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. कई किसानों की पूरी रबी सीजन की फसल बर्बाद हो गई, और वे उसे काटने से पहले ही गंवा बैठे.

नैफेड से पारदर्शी खरीद की मांग

संगठन का कहना है कि भारी बारिश के कारण हजारों टन प्याज खेतों में ही सड़ गया है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. संगठन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ को तीन लाख टन प्याज की खरीद न्यूनतम 3,000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से एपीएमसी के जरिए सीधे किसानों से करनी चाहिए.

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आने वाले समय में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी

बारिश की वजह से प्याज की फसल बर्बाद होने से आने वाले हफ्तों में बाजार में प्याज की आपूर्ति घट सकती है. ऐसे में इसकी कीमतों में इजाफा होना लगभग तय माना जा रहा है. पिछले वर्षों में भी जब फसलें मौसम की मार से प्रभावित हुई थीं, तब प्याज के दामों में भारी उछाल देखा गया था.

प्याज उत्पादकों के संगठन ने राज्य सरकार से मांग की है कि किसानों के नुकसान का तत्काल और निष्पक्ष आकलन किया जाए और समय रहते उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे फिर से खेती की तैयारी कर सकें.

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