तमिलनाडु भाजपा प्रमुख और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अन्नामलाई ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने से क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय स्तर पर सोचेंगे और राष्ट्रीय दल क्षेत्रीय हितों पर विचार करेंगे। जयनगर में जैन विश्वविद्यालय में आयोजित ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सभी को मतदान में भाग लेना आवश्यक है।
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उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ एक थोपा हुआ कानून नहीं, बल्कि जनहित में उठाया गया कदम और लोकतांत्रिक सुधार है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो यह व्यवस्था 2034 तक लागू हो सकती है।
उन्होंने युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मतदान में सक्रिय रूप से शामिल होने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने स्वतंत्रता के बाद से ही लिंग की परवाह किए बिना सभी के लिए समान मतदान के अधिकार के सिद्धांत को बरकरार रखा है।
पहला आम चुनाव 1951-52 में सात चरणों में हुआ था। दूसरा चुनाव 1957 में हुआ और 1952, 1957, 1962 और 1967 में राज्य विधानसभाओं और संसद के चुनाव एक साथ हुए।हालांकि, 1970 में लोकसभा एक साल पहले ही भंग कर दी गई थी और कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली केरल राज्य सरकार को राष्ट्रपति शासन के तहत बर्खास्त कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि यह संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है और आपातकाल के दौरान कई गैर-कांग्रेसी राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया गया था और राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। उन्होंने कहा कि जनता पार्टी, जो बाद में केंद्र में सत्ता में आई, ने भी इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाया।