..अब मरने के लिए जरूरी हुआ आधार कार्ड - Punjab Kesari
Girl in a jacket

..अब मरने के लिए जरूरी हुआ आधार कार्ड

NULL

नई दिल्ली: अभी तक तो जीवन के साथ और जीवन के बाद भी चलने का वादा सिर्फ भारतीय जीवन बीमा निगम ही किया करता था, लेकिन अब आधार कार्ड भी हमारे जीवन के साथ-साथ जीवन के बाद भी काम आने जा रहा है। आने वाले समय में मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आधार संख्‍या की जरूरत होगी। यह नियम एक अक्‍टूबर से लागू होगा. इस संबंध में भारत के महापंजीयक ने अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन के समय आधार के प्रयोग से मृतक के बारे में उनके परिजनों से सटीक जानकारी मिल सकेगी।

1555486221 aadhar1

Source

शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। सरकार का दावा है कि इससे कदम से पहचान संबंधी फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। गृह मंत्रालय का यह नया फरमान पहली अक्टूबर से पूरे देश में लागू होगा। जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय को इससे फिलहाल दूर रखा गया है।

1555486221 aadhar2

Source

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले महापंजीयक कार्यालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि मृतक की पहचान स्थापित करने के मकसद से मृत्यु प्रमाण-पत्र आवेदन में आवेदक को मृतक का आधार नंबर या एनरोलमेंट आईडी नंबर मुहैया कराना होगा।

1555486222 aadhar3

Source

बहरहाल, यदि आवेदक को मृतक के आधार नंबर या एनरोलमेंट आईडी नंबर के बारे में पता नहीं है तो उसे एक प्रमाण-पत्र देकर बताना होगा कि उसकी जानकारी में मृत व्यक्ति के पास कोई आधार नंबर नहीं है। महापंजीयक कार्यालय ने कहा कि आधार के इस्तेमाल से मृतक के रिश्तेदारों/आश्रितों/परिचितों की ओर से दिए गए ब्योरे की सत्यता सुनिश्चित हो सकेगी। इससे पहचान संबंधी धोखाधड़ी पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।

1555486222 aadhar4

Source

डेथ सर्टिफिकेट हासिल करने वाले को मृतक का आधार नंबर या फिर आधार का पंजीकरण दर्ज कराना होगा। जिसके पास आधार नंबर नहीं है उस पर गृह मंत्रालय का कहना है कि ऐसे में डेथ सर्टिफिकेट में यह दर्ज रहेगा कि मृतक का आधार कार्ड नहीं है। इसके अलावा सरकार ने यह भी कहा है कि इस बारे में कोई भी गलत जानकारी देना एक अपराध माना जाएगा। मृतक के आधार के साथ-साथ उसके करीब सदस्य जैसे, पति-पत्नी, माता-पिता या फिर बेटा-बेटी का भी आधार नबंर डेथ सर्टिफिकेट के लिए दर्ज कराना होगा।

गृह मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय ने कहा कि आधार का उपयोग रिश्तेदारों या आश्रितों या मृतकों की परिचितों के परिजनों द्वारा दिए गए विवरण की सटीकता सुनिश्चित करने में होगा। यह पहचान धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक प्रभावी तरीका प्रदान करेगा। यह मृत व्यक्ति की पहचान दर्ज करने में भी मदद करेगा। इसके अलावा, यह मृत व्यक्ति की पहचान को साबित करने के लिए कई दस्तावेज तैयार करने की आवश्यकता को खत्म कर देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।