बाबा साहब को छोड़कर किसी को गरीब, दलित एवं आदिवासी की चिंता नहीं : प्रकाश अम्बेडकर - Punjab Kesari
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बाबा साहब को छोड़कर किसी को गरीब, दलित एवं आदिवासी की चिंता नहीं : प्रकाश अम्बेडकर

दस डिसमिल जमीन मुहैया कराया जाये तथा शहरी क्षेत्रों में रह रहे अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को

पटना : आज 70 साल के बाद भी एसटी-एससी अपना संविधान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मगर इस संघर्ष में दलित वर्ग के बड़े-बड़े लोग उच्च पद पर पहुंच गये और राजनीतिक का लाभ ले रहे हैं। वहीं अंतिम पायदान में रहने वाले दलित-आदिवासी भाई दो जून की रोटी के लिए दिन रात मजदूरी कर रहे हैं। उसेे बारे में आज तक बाबा साहेब को छोड़ किसी को चिंता नहीं है। आज गांधी मैदान में संविधान बचाओ देश बचाओ रैली को संबोधित करते पूर्व सांसद प्रकाश यशवंत राव अम्बेडकर ने कही।

पूर्व सांसद श्री अम्बेडकर ने रैली में पारित प्रस्ताव में 5 जून को उच्चतम न्यायालय के न्याय के निर्देश एवं भारत सरकार द्वारा निर्गत अधिसूचना के आलोक में अनुसूचित जाति, जनजाति के कर्मियों की प्रोन्नति में आरक्षण शीघ्र बहाल किया जाये। टोला सेवक, तालिम मरकज एवं शिक्षा स्वयं सेवक को शिक्षा मित्र की तरह विद्यालयों में शिक्षक की तरह मान-सम्मान देकर वेतनमान दिया जाये।

विकास मित्रों को ग्रामीण सचिव के खाली पदों पर समायोजनन किया जाये। नगर निगम, नगर परिषद एवं अस्पतालों में सफाई कर्मियों को ठेकेदार के चंगुल से मुक्त कर नियमित वेतनमान पर नियुक्त किया जाये। अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र-छात्राओं को के्रडिट कार्ड न देकर पूर्व की भांति छात्रवृवति दिया जाये। अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियनम को कमजोर किये जाने के विरोध में 2 अप्रैल, 2018 को देशव्यापी बंदी में बिहार के आन्दोलनकारियों पर हुए मुकदमे बिना शर्त अविलम्ब वापस लिया जाये।

निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने हेतु बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजकर अविलम्ब लागू कराया जाये। न्यायाधीशों की नियुक्ति कॉलेजियम सिस्टम से न होकर राष्टï्रीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन कर किया जाये। अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को पूर्व की भांति पुन: बहाल किया जाये। गरीब भूमिहीन को दस डिसमिल जमीन मुहैया कराया जाये तथा शहरी क्षेत्रों में रह रहे अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को सरकारी दर पर बहुुमंजलीय आवास मुहैया कराया जाये।

आशा, ममता एवं रसोईया को उचित मानदेय राशि तय किया जाये। पंचायत रोजगार सेवक को स्थायी नियुक्ति कर ग्रामीण विकास विभाग में समायोजन कियाजाये। भीम आर्मी के संस्थापक नेता चन्द्रशेखर रावण को रिहा किया जाये। किसानों का कर्ज माफ किया जाये। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए सभी क्षेत्रों में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाये। सच्चर आयोग के रिपोर्ट एवं 15 सूत्री अल्पसंख्यक कार्यक्रम को लागू किया जाये।

शराबबंदी कानून से ताड़ी व्यवसायी को मुक्त किया जाये। बिहार में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाये। इस अवसर पर सभा का अध्यक्षता विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारयाण चौधरी, मुख्य अतिथि मो. खलीलूर रहमान, सज्जादनुमानी जस्टिस सोहेल अहमद सिद्दीकी, प्रो. रतनलाल, विजय सिंह रतन, राजा चौधरी, डा. संजय वाल्मिकी, अनवारूल हुड्डा, साजिद अहमद बागी, ब्रजेश कुमार, हरिलाल प्रसाद यादव, डा. रणधीर कुशवाहा, संजय मंडल, बबन चौधरी, धर्मेन्द्र रजक, निशांत चौधरी, अफसल हुसैन, कुसुम देवी, अजय यादव उपस्थित थे।

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