सेना के वाहनों में आग, बोगदा पुल उड़ाने का षड्यंत्र तो नहीं ! - Punjab Kesari
Girl in a jacket

सेना के वाहनों में आग, बोगदा पुल उड़ाने का षड्यंत्र तो नहीं !

NULL

बैतूल : कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ने वाले मध्यभारत के लगभग सौ साल से अधिक पुराने रेल्वे ट्रेक पर नागपुर जाते समय धाराखोह स्टेशन के पास स्थित बोगदा पुलो को उड़ाने के लिए तो कहीं सेना के दस वाहनो में आग लगाने के पीछे कोई षड़यंत्र या साजीश तो नहीं ! आग का यूं अचानक सिर्फ सेना के वाहनो को ले जा रही मालगाड़ी में ही लगना संदेह को जन्म देता है। यूं तो उस ट्रेक पर प्रतिदिन पचास से अधिक गा​ड़ियों का आना-जाना होता है। ऐसे में सिर्फ मालगाड़ी में सेना के वाहनो में ही आग का वह भी बोगदा पूल के पास संदेह को जन्म देता है।

उल्लेखनीय है कि अखण्ड भारत के केन्द्र बिन्दू बैतूल जिले के पास बीते गुरुवार दोपहर मालगाड़ी में आग लग गई। बताया जा रहा है कि आग ने करीब 10 आर्मी ट्रकों को चपेट में ले लिया। इनमें से 4 पूरी तरह से जलकर खाक हो गए। जवानों ने दमकल की मदद से आग पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया। फिलहाल आग लगने के कारणों की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। घटना की वजह से नागपुर.इटारसी ट्रैक पर रेल यातायात ठप्प हो जाने के बाद शुरू हो गया। कई ट्रेनों को बैतूल और आमला स्टेशन पर रोका गया था। जानकारी के मुताबिक मालगाड़ी ट्रकों को लेकर बेंगलुरु से फैज़ाबाद जा रही थी।

घटना बैतूल और घोड़ाडोंगरी सेक्शन के मरामझिरी – धाराखोह स्टेशन के बीच हुई। बैतूल से पहुंची दमकल की गाडिय़ों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। हालांकि ट्रकों में आग कैसे लगी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। सूत्रों के मुताबिक ओएचई तार टूटकर गिरने से मालगाड़ी में आग लगी। घटना के बाद हैदराबाद – निजामुद्दीन दक्षिण एक्सप्रेस को बैतूल स्टेशन पर बेंगलुरु दानापुर संघमित्रा एक्सप्रेस कोट मरामझिरी और पातालकोट एक्सप्रेस को आमला में रोका गया था। मालगाड़ी में 90 से ज्यादा जवान सवार थे।

जब ट्रेन में आग लगी तो आधी मालगाड़ी टनल के अंदर थी। बताया जा रहा है कि आग लगने पर मालगाड़ी को रोककर जवान बाहर आए और आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। गुरूवार को द बर्निंग ट्रेन में सेना के अफसरों और जवानों ने सतर्कता बरतते हुए मालगाड़ी के उन डिब्बों को अलग किया जिसमें छोटी तोप, हथियार और ज्वलनशील पदार्थ भरा हुआ था।

बैतूल से पहुंची 4 दमकलों और सेना के जवानों ने मिलकर आग पर काबू पाया। चलती ट्रेन में आग लगने के बाद 7 वें और 8 वें डिब्बे में खड़े ट्रकों भी आग लग गई। ट्रेन के चालक ने जैसे ही ट्रकों में आग की लपटें देखी तत्काल ही टनल क्रमांक 5 के पास ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। सेना के जवानों ने तत्काल ही मौके पर पहुंचकर अपने पास मौजूद संसाधनों से आग पर काबू पाने की कवायद शुरू कर दी और हथियार और विस्फोटक से भरे डिब्बों को अलग कर दूसरे इंजन के सहारे दूर ले जाकर खड़ा कर दिया। 36 डिब्बों की इस मालगाड़ी में छोटी तोपें भी रखी थीं।

एडी रेजीमेंट के मेजर सीपी सिंह ने बताया कि जो ट्रक आग लगने से राख हुए हैं उनमें फर्नीचर, सेना के दस्तावेज, टेंट एवं अन्य सामग्री रखी हुई थी। यदि टनल के भीतर के किसी डिब्बे में आग लगती तो एक तो वहां बुझाने के प्रयास ही नहीं हो पाते और हवा के झोंकों से एक के बाद दूसरा डिब्बा चपेट में आता रहता और पूरी ट्रेन जल जाती। एम्युनेशन होने से जबरदस्त विस्फोट भी हो सकता था और उससे अग्रेंजो के जमाने के रेलवे टनल पूरी तरह से उड़ जाता।

24X7  नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × five =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।