पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में सजा की दर में आयी कमी पर आज चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को इसमें तेजी लाने को कहा है। नीतीश ने यहां अधिवेशन भवन में प्रभावी जांच, शीघ, सुनवाई और समय पर न्याय विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार को संबोधित करते हुये कहा, हमारा संविधान कहता है कि कानून का राज होना चाहिए। लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति लोगों में भरोसा और विश्वास रहना चाहिए, इसके लिए विधायिका, न्यायपालिका और प्रशासनिक अंग अपनी तरह से अपनी-अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं, जिससे यह संभव होता है। उन्होंने प्रदेश की पिछली राजद सरकार का नाम लिए बिना उसकी ओर इशारा करते हुए कहा कि उस समय बिहार की जो स्थिति थी, सभी को मालूम है। समय सीमा पर सुनवाई नहीं होती थी, अपराधी छूट जाते थे और कानून का डर नहीं रहता था। हमने जल्द से जल्द मुकदमों की सुनवाई पर जोर दिया।
नीतीश ने कहा कि सरकार हर प्रकार की सहायता करती है। न्यायपालिका की तरफ से जिस पद की मांग आती है, उसको भी पूरा करते हैं। पुलिस की नियुक्ति भी उसी विभाग के अधिकारीगण करते हैं। उन्होंने कहा, हम लोगों की तरफ से किसी भी चीज में विलम्ब नहीं होता है। जितने स्वीकृत पद हैं, वे भर नहीं पा रहे हैं। पदों पर नियुक्ति आपको करनी है। पद सृजित करना हमारा काम है। नियुक्ति के लिए तो अलग-अलग संस्थाएं हैं, वे काम में तेजी लाये। उन्होंने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सरकार को निवेश के लिए कोई दिक्कत नहीं है और आज की तकनीक के हिसाब से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही और सुनवाई को संभव बनाया जाना चाहिए।
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