प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में ‘विकसित राज्य से विकसित भारत @2047’ विषय पर चर्चा हुई। इस बैठक में राज्यों की विशिष्ट क्षमताओं को पहचानकर, जमीनी स्तर पर परिवर्तन लाने और 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षाओं को साकार करने पर जोर दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस वर्ष की बैठक का मुख्य विषय है- ‘विकसित राज्य से विकसित भारत @2047’, जिसमें राज्यों को केंद्र में रखकर भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर चर्चा होगी। बैठक में ‘विकसित भारत @2047’ के दृष्टिकोण पर चर्चा की जाएगी। जैसे-जैसे भारत एक विकसित देश की ओर अग्रसर है, यह आवश्यक है कि राज्य अपनी विशिष्ट क्षमताओं का उपयोग करें और जमीनी स्तर पर परिवर्तनकारी बदलाव लाएं, ताकि 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षाएं धरातल पर साकार हो सकें।
PM मोदी की अगुवाई में नीति आयोग की 10वीं बैठक, राज्यों के नेता होंगे मौजूद
‘विकसित राज्य से विकसित भारत’ का विचार राज्यों से दीर्घकालिक, समावेशी और साहसिक दृष्टि पत्र तैयार करने का आह्वान है, जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हों और स्थानीय परिस्थितियों पर आधारित हों। इन विजन दस्तावेजों में समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित होने चाहिए। इसमें मानव विकास, आर्थिक वृद्धि, सततता, प्रौद्योगिकी और शासन सुधारों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। डेटा आधारित कार्यप्रणालियों, परिणाम आधारित परिवर्तन, परियोजना निगरानी इकाइयों, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी युक्त अवसंरचना तथा मूल्यांकन और निगरानी प्रकोष्ठों की सहायता से जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती है।
यह बैठक केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक मंच प्रदान करती है, जिससे देश के समक्ष मौजूद विकासात्मक चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जा सके और इस बात पर सहमति बन सके कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए राज्य किस प्रकार आधारशिला बन सकते हैं। इसमें उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास और टिकाऊ रोजगार सृजन जैसे विषयों पर भी चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल 13-15 दिसंबर 2024 को आयोजित मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन के विषयों पर आम सहमति बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। इस सम्मेलन में भारत सरकार के सचिवों और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों ने हिस्सा लिया था और ‘विकसित भारत @2047’ के एजेंडे पर सुझाव दिए थे।