सरकार ने अनुसूचित जातियों के लिए उद्यमशीलता को बढ़ावा देने हेतु कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें वेंचर कैपिटल फंड (वीसीएफ-एससी) और अंबेडकर सोशल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन मिशन (एएसआईआईएम) शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत अनुसूचित जाति के उद्यमियों को रियायती वित्त और इक्विटी फंडिंग प्रदान की जाती है। अब तक 245 अनुसूचित जाति के स्वामित्व वाली कंपनियों को 588.4 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मंजूर की गई है।
सरकार ने अनुसूचित जातियों के बीच उद्यमशीलता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। अनुसूचित जातियों के लिए वेंचर कैपिटल फंड (वीसीएफ-एससी), 750 करोड़ रुपये की राशि के साथ, 4 प्रतिशत कूपन दर पर 10 लाख रुपये से 15 करोड़ रुपये तक रियायती वित्त प्रदान करता है। इस फंड का प्रबंधन आईएफसीआई वेंचर कैपिटल लिमिटेड द्वारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त, अंबेडकर सोशल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन मिशन (एएसआईआईएम), प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर (टीबीआई) और अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) में अनुसूचित जाति के छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं और उद्यमियों का समर्थन करता है। एएसआईआईएम के तहत, कृषि प्रौद्योगिकी, आईटी, पर्यावरण, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में स्टार्ट-अप की मदद के लिए तीन वर्षों में 30 लाख रुपये की इक्विटी फंडिंग प्रदान की जाती है।
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अब तक एएसआईआईएम सहित अनुसूचित जातियों के लिए वेंचर कैपिटल फंड के तहत 245 अनुसूचित जाति के स्वामित्व वाली कंपनियों को 588.4 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मंजूर की गई है। वर्तमान में, सरकार के पास अनुसूचित जाति समुदाय के लिए व्यावसायिक उपक्रमों और स्टार्टअप की सुविधा के लिए सामाजिक नवाचार केंद्र स्थापित करने की कोई योजना नहीं है। हालांकि, यह एएसआईआईएम और वीसीएफ-एससी जैसी मौजूदा पहलों के माध्यम से उद्यमशीलता और नवाचार को निरंतर बढ़ावा देती है।
इसके अतिरिक्त, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की सभी वित्तीय समावेशन योजनाओं के लिए एक डिजिटल इंटरफेस पीएम सुराज के माध्यम से ऋण तक पहुंच को आसान बनाने और अनुसूचित जातियों और अन्य हाशिए के समुदायों के लिए उद्यमशीलता इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए मेंटरशिप सहायता और बाजार संपर्क प्रदान करने के लिए कदम उठाए गए हैं। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।