न संगठन तोड़ेंगे, न किसी कार्यकर्ता को बुलाएंगे : चंपई सोरेन Neither Will We Break The Organization, Nor Will We Call Any Worker: Champai Soren
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न संगठन तोड़ेंगे, न किसी कार्यकर्ता को बुलाएंगे : चंपई सोरेन

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन दिल्ली से लौटने के बाद शुक्रवार को गम्हरिया पहुंचे, जहां महिलाओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। महिलाओं ने उन्हें भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह हर परिस्थिति में उनके साथ हैं। दरअसल, सोरेन सरकार से बगावत करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपनी राह अलग कर ली है। वह अब प्रदेश का दौरा कर रहे हैं और जनता का मिजाज टटोल रहे हैं। गम्हरिया में महिलाओं द्वारा गर्मजोशी से स्वागत करने के बाद उन्होंने कहा कि वह न तो संगठन तोड़ने जा रहे हैं, न ही पार्टी के किसी कार्यकर्ता को अपने पास बुलाने जा रहे हैं। वह एकला चलो के राह पर हैं और किसी अच्छे साथी की तलाश में हैं।

  • झारखंड के पूर्व CM चंपई सोरेन दिल्ली से लौटने के बाद गम्हरिया पहुंचे
  • वहां महिलाओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया
  • सोरेन सरकार से बगावत के बाद पूर्व CM चंपई सोरेन ने अपनी राह अलग कर ली है
  • वह अब प्रदेश का दौरा कर रहे हैं और जनता का मिजाज टटोल रहे हैं

अब झामुमो का रुख नहीं करेंगे चंपई सोरेन

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पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी बात सीएम हेमंत सोरेन से नहीं हुई है न ही वे अब झामुमो का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता का प्यार और सम्मान उनके लिए काफी है। नए अध्याय की पटकथा लिखी जा चुकी है और जल्द ही इसका खुलासा होगा। इस दौरान जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष रंजीत प्रधान, विधायक प्रतिनिधि सानंद कुमार आचार्य, 20 सूत्री अध्यक्ष छाया कांत गोराई, गम्हरिया प्रखंड प्रमुख अनीता टुडू, आदित्यपुर नगर झामुमो अध्यक्ष दीपक मंडल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

चंपई सोरेन ने अपनी राहें अलग कीं

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उल्लेखनीय है कि झामुमो से नाराज चल रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपनी राहें अलग कर ली है। बीते दिनों उन्होंने कहा है कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे। अपने हजारों समर्थकों से मुलाकात और बातचीत के बाद उन्होंने तय किया है कि वो या तो अपना नया राजनीतिक संगठन बनाएंगे या फिर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिल जाए, तो उसके साथ चल पड़ेंगे। वह अपनी बात पर कायम हैं। अब उनका रास्ता अलग होगा। इससे पहले उन्होंने कहा था कि मेरे पास तीन विकल्प थे। पहला, राजनीति से संन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना। उन्‍होंने कहा, उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं। पूर्व सीएम ने कहा, यह मेरा निजी संघर्ष है, इसलिए इसमें पार्टी के किसी सदस्य को शामिल करने अथवा संगठन को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं है। जिस पार्टी को हमने अपने खून-पसीने से सींचा है, उसका नुकसान करने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकता।

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