एनसीसी के दल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर भारत का गौरव बढ़ाया। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कैडेट्स के साहस और समर्पण की सराहना की। इस अभियान में 10 युवा कैडेट्स शामिल थे, जिनकी औसत उम्र 19 वर्ष थी। यह एनसीसी का तीसरा सफल एवरेस्ट अभियान रहा।
राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के एक दल ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट को सफलतापूर्वक फतह किया है। पर्वतारोहण के क्षेत्र में यह शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले इन युवाओं ने ऐसा करके विश्व पटल पर भारत का गौरव बढ़ाया है। बुधवार को भारत के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने माउंट एवरेस्ट अभियान के विजेताओं से मुलाकात की। नई दिल्ली में हुई इस मुलाकात के अवसर पर कैडेट्स ने रक्षा राज्य मंत्री के समक्ष अपने अनुभव साझा किए। राष्ट्रीय कैडेट कोर के इस दल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई अभियान की योजना, प्रशिक्षण तथा चढ़ाई के दौरान आई चुनौतियों के बारे में रक्षा राज्यमंत्री को विस्तार से बताया।
रक्षा राज्य मंत्री ने कैडेट्स के साहस, समर्पण और टीम भावना की सराहना की तथा उनके अद्भुत कार्य के लिए बधाई दी। यह उपलब्धि एनसीसी का अब तक का तीसरा सफल एवरेस्ट अभियान है। इससे पहले 2013 और 2016 में भी ऐसे अभियान सफलतापूर्वक पूरे किए गए थे। इस बार के अभियान दल में कुल 10 कैडेट्स शामिल थे। इनमें 5 लड़के और 5 लड़कियां थीं। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली इस टीम की औसत उम्र मात्र 19 वर्ष थी। इतना ही नहीं, इनमें से कई तो नवशिक्षित पर्वतारोही भी थे। इस दल को अधिकारियों, जूनियर कमीशंड अधिकारियों, प्रशिक्षकों और गैर-कमीशंड अधिकारियों के एक अनुभवी दल का सहयोग प्राप्त था, जिसने माउंट एवरेस्ट की इस चढ़ाई को एक सुव्यवस्थित और पेशेवर अभियान बनाया। इस अभियान को 3 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली से रवाना किया था।
एनसीसी की कामयाबियों को देखते हुए देश में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय कैडेट कोर में देशभर से करीब तीन लाख नए कैडेट जोड़े जाएंगे। यह जानकारी स्वयं रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ दे चुके हैं। राष्ट्रीय कैडेट कोर के विशेष संयुक्त राज्य प्रतिनिधियों और अतिरिक्त व उप महानिदेशकों के सम्मेलन में उन्होंने यह जानकारी साझा की थी। उन्होंने इस दौरान देश भर में तीन लाख कैडेटों को जोड़ने के साथ एनसीसी के योजनाबद्ध तरीके से विस्तार की घोषणा की। इस विस्तार के लिए कई राज्य पहले ही सहमति दे चुके हैं और प्रशिक्षण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे में तीव्र गति से वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं।