रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल में शिकंजा कसने नए सिरे से रणनीति तय कर दी गई है। वहीं बस्तर में फोर्स और पुलिस की रणनीति को बड़ी सफलता भी मिली है। सरही ईलाकों में आपरेशन के दौरान बड़ी तादाद में माओवादियों को मार गिराने में सफलता मिली है।
रमन सरकार की विकास यात्रा और इसके बाद चुनावी घमासान के पहले नक्सलियों को बैकफुट पर धकेलने की कवायदों को शुरूआती दौर में ही सफलता मिली है। ग्रेहाऊंड फोर्स और राज्य पुलिस के संयुक्त अभियान को मिली सफलता के बाद जवानों के हौसले भी बुलंद नजर आ रहे हैं। पहली बार बड़ी तादाद में नक्सलियों के मारे जाने के बाद उनके शवों को बरामद करने के भी दावे किए गए हैं।
दरअसल, बीजापुर जिले के सरहदी ईलाकों की पहाडिय़ों में नक्सलियों के जमावड़े के बाद एक तरह से रणनीति के तहत घेरेबंदी की गई। इसमें आठ नक्सलियों को मौके पर ही ढेर करने में सफलता मिली है। बस्तर में अब फोर्स की ओर से आक्रामक अभियान चलाने के संकेत मिल रहे हैं। वहीं गर्मी के दौरान बस्तर की पहाडिय़ों और दुर्गम जंगलों में लगातार अभियान जारी रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक चुनाव के दौरान माओवादियों द्वारा मतदान के बहिष्कार के फरमान को नेस्तनाबूद कर निष्प्रभावी करने की रणनीति है। कोशिशें हो रही है कि बस्तर में इस बार भारी मतदान की स्थिति बने। बीते कुछ माह में सीआरपीएफ के जवानों की लगातार शहादत के बाद अब फोर्स की ओर से किसी तरह की कोताही बरतने की स्थिति नहीं है।
वहीं जवान बड़ी तादाद में नक्सलियों की मांद में घुसकर आपरेशन को अंजाम देने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि एक और आपरेशन शुरू होगा। इसमें माओवादियों के ठिकाने ध्वस्त करने के साथ चौतरफा हमले होंगे। इधर खुफिया तंत्र की रिपोर्ट के बाद इसी के आधार पर रणनीतियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
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