सीएसजेएमयू, कानपुर ने राष्ट्रहित को प्राथमिकता देते हुए इस्तांबुल विश्वविद्यालय के साथ एमओयू रद्द कर दिया। तुर्की द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन देने के बाद भारत में विरोध हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह फैसला तुर्की के दुश्मनीपूर्ण रवैये के कारण लिया, जिससे छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के अवसरों का नुकसान होगा।
UP News: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू), कानपुर ने राष्ट्रहित को प्राथमिकता देते हुए तुर्किये के इस्तांबुल विश्वविद्यालय के साथ हुआ शैक्षणिक समझौता समाप्त कर दिया है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने इस्तांबुल विश्वविद्यालय के रेक्टर को पत्र भेजकर समझौता तुरंत खत्म करने की जानकारी दी है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया कराए, जिनका इस्तेमाल भारत पर हमले के लिए किया गया. हालांकि यह हमला नाकाम रहा, लेकिन इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध देखने को मिला.
क्यों किया गया था MOU?
सीएसजेएमयू ने विदेशों की शीर्ष शिक्षण संस्थाओं के साथ साझेदारी कर छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और अनुसंधान के अवसर देने की पहल की थी. इसी दिशा में तुर्की के इस्तांबुल विश्वविद्यालय से एमओयू किया गया था, ताकि छात्रों को रिसर्च और नवाचार के क्षेत्र में लाभ मिल सके.
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कुलपति का ने साफ किया रुख
प्रो. विनय कुमार पाठक, जो कि एआईयू (एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज) के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि तुर्की द्वारा पाकिस्तान का साथ देना भारत के प्रति दुश्मनी जैसा है. ऐसे किसी देश या उससे जुड़ी संस्था के साथ किसी भी प्रकार का समझौता राष्ट्रहित के खिलाफ माना जाएगा. इसलिए यह फैसला जरूरी था.