कभी मायावती के बेहद करीबी रहे और बीएसपी के बड़े नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज कांग्रेस ज्वाइन कर ली। कांग्रेस मुख्यालय में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गुलाम नबी आजाद, राजबब्बर जैसे दिग्गजों की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थामा।
आपको बता दे कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पिछले 10 मई को मायावती ने पैसे के लेनदेन में गड़बड़ी और लोकसभा चुनाव में हार का आरोप लगाकर पार्टी से बाहर कर दिया था। जिसके बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी खुलकर मायावती के विरोध में आ गए थे और कई वायस रिकार्डिंग को वायरल कर मायावती की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। बीएसपी से निकाले जाने के बाद से लगातार सिद्दीकी काफी समय से अपने लिए नई पार्टी की तलाश कर रहे थे, आखिरकार उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।
सिद्दीकी को पार्टी में लाने की मुख्य वजह उनकी कई जिलों के मुस्लिमों में अच्छी पकड़ मानी जा रही है। कांग्रेस सिद्दीकी के जरिए मुस्लिमों को अपने पाले में एकजुट करने की मंसूबा बना रही है। कांग्रेसियों को लोकसभा चुनाव में सिद्दीकी के प्रभाव का फायदा मिलने की उम्मीद है।
इस दौरान सिद्दीकी के साथ लोकसभा चुनाव लड़ चुके सलीम अहमद समेत आसपास के जिलों के कई कार्यकर्ता भी दिल्ली आए हुए थे। बता दें कि जब नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकाला गया था, उस वक्त वह पार्टी के पश्चिमी यूपी के प्रभारी थे।
गौरतलब है कि बसपा में रहते हुए सिद्दीकी ने यूपी के बुंदेलखंड, इलाहाबाद, कानपुर, हमीरपुर, बांदा, लखीमपुर खीरी आदि जिलों के मुस्लिमों और बसपा के परंपरागत दलित मतदाताओं के बीच गहरी पकड़ बनाई। यह सभी जिले भाजपा के मध्य क्षेत्र में शामिल हैं। इन क्षेत्रों में सिद्दीकी के जरिए कांग्रेस ने दलित-मुस्लिम मतों का बिखराव रोकने की तैयारी की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्दीकी को पार्टी प्रदेश की राजनीति में अपना मुस्लिम चेहरा बनाएगी।
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