नरसिंहपुर : ज्योतिषाचार्य एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मां नर्मदा का अस्तित्व को बचाने का आह्वान करते हुए कहा है कि नर्मदा का अस्तित्व बनाने के लिए हमें जागना होगा और अब अगर हम नहीं जागे, तो नर्मदा का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
स्वामी स्वरूपानंद ने कल जिले के गोटेगांव तहसील के नर्मदा तट बरमकुंड़ पर एक धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए यह बाते कहीं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की जीवनदायनी नर्मदा पर रेत माफियां जिस तरह से उत्खन्नन कर रहे हैं, उससे उसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि नर्मदा गंगा से भी पुरानी है, जो भगवान शंकर के पसीने से कन्या रूप मे आई। भगवान शंकर ने नदी के रूप मे प्रवाहित करने का आदेश दिया, तभी से वह मध्यप्रदेश की सीमा से प्रवाहित हो रही है। उन्होंने बताया कि नर्मदा की परिक्रमा करने से भगवान शंकर की परिक्रमा भी होती है।
क्योंकि नर्मदा का कण कण शंकर के रूप में माना जाता है। इतनी महत्वपूर्ण जीवन दायनी मॉ नर्मदा पर जो जुल्म रेत माफियां कर रहे है, उससे नर्मदा का जल अशुद्ध हो रहा है, क्योंकि जल को रेत ही शुद्ध करती है। मशीनों के जरिए बडे बडे गड्ढे करने से जल का प्रवाह प्रवाहित हो रहा है, जीव जंतु खत्म हो रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट कहां कि अब वक्त आ गया है कि लोगों को जागना होगा। यदि अभी लोग नही जागे तो मॉ नर्मदा का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। जिस प्रकार देश की अन्य नदियां खत्म हो रही हैं। वैसे ही हालत मध्यप्रदेश की जीवनदायनी की हो जाएगी। नर्मदा पर सख्ती से रेत उत्खन्न पर रोक लगाई जाये। स्वामी स्वरूपानंद भाजपा विधायक डॉ कैलाश जाटव द्वारा बरमकुंड मे कराए जा रहे धार्मिक आयोजन के आमंत्रण पर वहां पहुंचे थे।
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