रायपुर : कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया अब मुस्लिम वोट बैंक को साधने में जुटे हैं, उन्होंने कुछ मुस्लिम नेताओं से एकांत में मुलाकात कर टोह ली है कि आखिर मुस्लिम वोटर्स को कांग्रेस से कैसे जोड़ा जा सकता है? प्रदेश कांग्रेस का प्रभार मिलने के बाद पुनिया ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग को रिझाने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं।
प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व पिछड़ा वर्ग के भूपेश बघेल के हाथों में है,इसलिए अनुसूचित जाति वर्ग से डॉ.शिवकुमार डहरिया और अनुसूचित जनजाति वर्ग से रामदयाल उइके को कार्यकारी अध्यक्ष के पद से नवाजा है। इसके अलावा अमरजीत भगत को आदिवासी कांग्रेस की कमान सौंपी है।
खबर है कि आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुनिया संगठन में कुछ और पद बांटने के पक्ष में है।इस बार छत्तीसगढ़ दौरे पर आए पुनिया की मुस्लिम वोट बैंक को लेकर चिंता झलकी। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने पार्टी के कुछ मुस्लिम नेताओं एक-एक कर इस मामले में चर्चा की है।
मुस्लिम नेताओं से उन्होंने कई सवाल भी किए, मसलन, मुस्लिम समाज में किसकी पकड़ है? मुस्लिम समाज में कांग्रेस की कमजोर होती पकड़ की वजह? मुस्लिम समाज को कांग्रेस के साथ कैसे लाएं और मुस्लिम समाज का जोगी कांग्रेस के प्रति रूझान का कारण?
पीएल पुनिया से मुस्लिम नेताओं ने स्पष्ट किया कि प्रदेश का मुस्लिम समाज किसी एक व्यक्ति या गुरू की मुट्ठी में नहीं है। कुछ साल पहले तक कांग्रेस संगठन में मुस्लिम नेताओं की भीड़ हुआ करती थी, प्रदेश नेतृत्व के उपेक्षापूर्ण रवैय्ये के चलते कई लोगों ने खुद को कांग्रेस से अलग कर लिया।
किसी मुस्लिम नेता को मोतीलाल वोरा का समर्थक होने के कारण दरकिनार किया गया तो किसी नेता को दिगिवजय सिंह या फिर अजीत जोगी का समर्थक होने के कारण पद से हटा दिया गया। प्रदेश कांग्रेस में अब हालात ये हैं कि संगठन में वरिष्ठ मुस्लिम नेताओं को टोटा पड़ा हुआ है।
पीएल पुनिया को विश्वास दिलाया गया कि प्रदेश में मुस्लिम समाज कांग्रेस के ही साथ है, लेकिन समाज को पार्टी संगठन में महत्व दिए जाने से स्थिति और सुथर सकती है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे के बाद पीएल पुनिया इस मसले पर आगे की कार्यवाही करेंगे।
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