रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) ने 21,772 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इस धनराशि से आधुनिक वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट और हेलीकॉप्टर समेत सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके अलावा, टी-72 और टी-90 टैंकों, बीएमपी और सुखोई लड़ाकू विमानों के इंजनों के ओवरहाल के लिए भी मंजूरी दी गई है, जिससे इनकी सेवा अवधि बढ़ेगी।
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
भारत की सेनाओं की शक्ति को बढ़ाने और उनकी युद्ध क्षमता को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार, 3 दिसंबर को 21,772 करोड़ रुपये की लागत वाली पांच सैन्य आधुनिकीकरण परियोजनाओं को प्रारंभिक मंजूरी दी।
सेनाओं को मजबूत करने के लिए फैसला
इस योजना के अंतर्गत नौसेना के लिए फास्ट अटैक क्राफ्ट, भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और तटरक्षक बल के लिए हेलीकॉप्टर खरीदे जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 31 नए वाटर-जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट की खरीद को भी मंजूरी दी है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की है। वाटर-जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी क्योंकि ये तटीय क्षेत्रों में फ्रंटलाइन युद्धपोतों और पनडुब्बियों को एस्कॉर्ट करने सहित कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम होते हैं।
सेना के लिए 21,772 करोड़ की मंजूरी
सुखोई-30 एमकेआई जेट विमानों को सुरक्षा जैमर पॉड्स, नई पीढ़ी के रडार चेतावनी रिसीवर और अत्याधुनिक वॉरफेयर सूट से सुसज्जित किया जाएगा। इससे लड़ाकू विमान की युद्धक क्षमता में वृद्धि होगी और मिशनों के दौरान दुश्मन के रडार और संबंधित वायु रक्षा हथियार प्रणालियों से बच निकलने की क्षमता में सुधार होगा। इसके अलावा तटीय क्षेत्रों में निगरानी और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तटरक्षक बल के लिए छह उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों को भी मंजूरी मिली। डीएसी ने टी-72 और टी-90 मुख्य युद्धक टैंकों, बीएमपी (पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों) और सुखोई लड़ाकू विमानों के इंजनों के ओवरहाल के प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी।