निकटवर्ती गांव सौतई की दो नाबालिग लड़कियों की शादी महिला एवं बाल संरक्षण अधिकारी की सक्रियता से रुक गई है। दोनों की शादी बुधवार को होने वाली थी। अधिकारी को मंडप तक पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। परिजनों ने शादी का मंडप सौतई में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गांव में सजाया था। वहां तक पहुंचने में उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस की सहायता ली और दोनों लड़कियों को मथुरा पुलिस बृहस्पतिवार को फरीदाबाद भेज देगी।
महिला एवं बाल संरक्षण अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि मंगलवार को वह पुलिस के साथ मौके पर पहुंची। फरीदाबाद के गांव सौतई के एक परिवार ने अपनी दो लड़कियों की शादी उनकी ननिहाल में जाकर करने का निर्णय किया था। इनमें एक लड़की बीए प्रथम वर्ष और दूसरी कक्षा 10वीं की छात्रा है।
लड़कियों की मां, ताऊ और नाना इन बच्चियों की शादी करवाने पर आमादा थे। जैसे ही परिवार को उनके जाने की सूचना लगी तो मौके से फरार हो गए। स्थानीय पुलिस ने गांव में डेरा जमा दिया है और दुल्हों के परिजनों को भी इसकी सूचना दी गई। उन्होंने शादी से इनकार कर दिया है। अब बारात नहीं आएगी।
रेवाड़ी जिला के गांव असदपुर (पुराना नाम सुरजपुरा) निवासी रमेश के घर में बुधवार को अपनी दो बेटियों की शादी थी। परिजन विवाह की तैयरियों में जुटा हुआ था और बारात के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं। इसी दौरान विवाह स्थल पर पुलिस व बाल संरक्षण की टीम को आता देखकर परिजन घबरा गए।
बाल संरक्षण अधिकारी सरिता शर्मा ने रमेश को बेटियों की उम्र के दस्तावेज दिखाने को कहा गया। दस्तावेजों के अनुसार एक बेटी की उम्र 18 वर्ष व एक की साढे 14 वर्ष पाई गई। सरिता शर्मा ने छोटी बेटी की शादी न करने के आदेश दिए और लिखित में लिया कि वह अपनी छोटी बेटी की शादी नहीं करेगा।
सरिता ने गांव के सरपंच को बुलाकर उससे भी लिखित में लिया कि अगर नाबालिग की शादी हुई तो उसकी जिम्मेवारी होगी। इसके बाद सरिता शर्मा महिला पुलिसकर्मी, बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों को मौके पर बिठा कर लौट गई।
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