वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल की 27वें दौर की आज होने वाली बैठक में शुगर सेक्टर को लेकर कई बड़े फैसले हो सकते हैं। इसमें सरल टैक्स रिटर्न फॉर्म के अलावा जीएसटीएन को सरकारी कंपनी में परिवर्तित करने का निर्णय शामिल है। इस बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में शामिल होंगे। सीएनबीसी-आवाज़ को सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में चीनी पर सेस नहीं लगेगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक के पहले आधिकारियों की बैठक खत्म हो गई है। अधिकारियों की बैठक में चीनी पर सेस लगाने पर सहमति नहीं बनी है। राज्यों ने चीनी पर सेस लगाने का किया विरोध किया है।
इथेनॉल पर जीएसटी घटाने पर भी सहमति नहीं बन पाई है। साथ ही माना रहा है कि जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बनाने पर भी सहमति नहीं बनी है। जीएसटी काउंसिल की आज की बैठक में सबसे अहम मुद्दा जीएसटी रिटर्न फॉर्म का सरलीकरण है। फिलहाल सरकार इस पर रेवेन्यू ऑफिसरों और इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकणि से सलाह ले रही है। लेकिन बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी के नेतृत्व में मंत्रियों का एक समूह अब तक उन्हें नए फॉर्म को लेकर राजी नहीं कर पाया है। इसके अलावा डिजिटल पेमेंट्स पर डिस्काउंट का प्रस्ताव भी नवंबर से ही काउंसिल के सामने है। इसके तहत क्रेडिट कार्ड पेमेंट करने पर GST में 2% तक छूट मिल सकती है।
वहीं जीएसटी को संचालित करने वाली कंपनी जीएसटीएन को 100% सरकारी कंपनी बनाने पर भी जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा की जाएगी। फिलहाल निजी क्षेत्र के पांच वित्तीय संस्थान एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक लि., आईसीआईसीआई बैंक लि., एनएसई स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टमेंट कंपनी तथा एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस लि. की जीएसटीएन में 51% हिस्सेदारी है। शेष 49% हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास है। वहीं मीटिंग का एक अहम मुद्दा सेस का भी है। चूंकि कहा यह गया कि सेस और सरचार्ज जीएसटी में समाहित हो जाएंगे, इसलिए चीनी पर अलग से सेस लगाने का मुद्दा विवादित हो गया है। दरअसल, कृषि एवं खाद्य मंत्रालय ने किसानों का बकाया चुकता करने के लिए यह विचार पेश किया है। जीएसटी काउंसिल में शुगर पर सेस को लेकर भी चर्चा हो सकती है।
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