कभी दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सीट रह चुकी तेलंगाना की मेदक सीट अब राज्य के सत्ताधारी दल टीआरएस का गढ़ है जो इस बार वहां जीत के अंतर को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
इंदिरा गांधी ने 1980 में यह सीट तीन लाख मतों के अंतर से जीती थी और 1984 में उनकी हत्या होने तक उन्होंने उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2000 तक यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ था लेकिन पृथक तेलंगाना के गठन की मांग को ले कर राजनीतिक पार्टी टीआरएस बनने के बाद यह क्षेत्र केसीआर का गढ़ बन गया।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 91 सीटों पर थमा चुनाव प्रचार
टीआरएस सुप्रीमो के. चंद्रशेखर राव जिन्हें केसीआर नाम से भी जाना जाता है, इसी क्षेत्र से हैं। राज्य विधानसभा में वह गजवेल विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं जो मेदक लोकसभा सीट के तहत आती है।
वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के साथ ही राज्य में विधानसभा चुनाव भी हुए थे और केसीआर मेदक लोकसभा और गजवेल विधानसभा दोनों की सीटों से विजयी हुए थे।
राज्य का मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने लोकसभा सीट छोड़ दी थी। इसके बाद टीआरएस के के. प्रभाकर रेड्डी 3,61,277 मतों के अंतर से मेदक सीट जीती थी। रेड्डी इस बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं और जीत का अंतर बढ़ाने की कोशिश में हैं।