बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर अपनी टिप्पणी वापस लेने को कहा और कहा कि इससे “बाबा साहब की गरिमा को ठेस पहुंची है। मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में संसद में अमित शाह द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों ने बाबा साहब की गरिमा और अस्तित्व को बहुत ठेस पहुंचाई है और एक तरह से उनका अपमान किया है।
1. कांग्रेस व बीजेपी एण्ड कम्पनी के लोगों को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की आड़ में अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने की बजाय, इनका पूरा आदर-सम्मान करना चाहिये। इन पार्टियों के लिए इनके जो भी भगवान हैं उनसे पार्टी को कोई ऐतराज नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) December 18, 2024
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की
अब पूरे देश में उनके अनुयायियों में जबरदस्त गुस्सा और आक्रोश है और उन्हें अपने ये शब्द वापस लेने चाहिए और इसके लिए पश्चाताप भी करना चाहिए। अन्यथा, उनके (बीआर अंबेडकर) अनुयायी इसे कभी नहीं भूल पाएंगे, ठीक उसी तरह जैसे वे डॉ. बीआर अंबेडकर के साथ कांग्रेस के कुकृत्यों को नहीं भूल पाए हैं। इससे पहले आज, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और बाबा साहब अंबेडकर पर उनकी टिप्पणी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।
अमित शाह द्वारा डॉ. बीआर अंबेडकर पर राज्यसभा में दिए गए बयान का विरोध किया
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत, महुआ माझी और राम गोपाल यादव सहित कई सांसदों ने गृह मंत्री की टिप्पणी के विरोध में नीले कपड़े पहने हुए देखे गए। समाजवादी पार्टी के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. बीआर अंबेडकर पर राज्यसभा में दिए गए बयान का विरोध किया और भाजपा से माफी मांगने की मांग की। सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, “भाजपा को संसद में की गई टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए… इससे साबित होता है कि भाजपा डॉ. बीआर अंबेडकर के सिद्धांतों के खिलाफ है। यह आलोचना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हाल ही में राज्यसभा में की गई टिप्पणी के बाद की गई है, जिसमें शाह ने कथित तौर पर कहा था, अगर उन्होंने अंबेडकर के बजाय भगवान का नाम इतनी बार लिया होता, तो उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता।