महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब से सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और नगर निगम कार्यालयों में मराठी भाषा बोलना अनिवार्य कर दिया गया है। अब सभी सरकारी दफ्तरों में मराठी में बोलने और काम करने के लिए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे साथ ही सरकारी कंप्यूटरों में भी मराठी भाषा का कीबोर्ड अनिवार्य होगा।
उल्लंघन करने पर होगी शिकायत
अगर कोई सरकारी अधिकारी इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उससे संबंधित दफ्तर या विभाग के प्रभारी के पास उसकी शिकायत दर्ज की जा सकती है, और उन पर कार्रवाई भी की जायेगी। इस उल्लंघन को सरकारी अनुशासनहीनता मानते हुए अगर शिकायतकर्ता को उस अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई से संतुष्टि नहीं मिलती है, तो वह शिकायतकर्ता महाराष्ट्र विधानमंडल की मराठी भाषा समिति से इस मामले में अपील कर सकता है।
विदेशों में होगा मराठी साहित्य सम्मेलन
मराठी भाषा को विदेशों में पहचान दिलाने के लिए फडणवीस ने सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘मराठी सम्मेलन’ आयोजित किया जाना चाहिए। इसके लिए विभिन्न देशों में बसे मराठी मंडलों से विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी घोषणा की कि इंग्लैंड में मराठी संगठन के लिए जमीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया अगले 15 दिनों में पूरी होगी। वहीं, दिल्ली में मराठी स्कूल को बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हरसंभव सहायता दी जाएगी।