भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स में निधन हुआ। इस खबर से सामने आने के बाद अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि मनमोहन सिंह का जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। गौतम अदाणी ने पोस्ट में लिखा, डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से गहरा दुख हुआ। साल 1991 में भारत को नया रूप देने और दुनिया के लिए अपने दरवाजे खोलने वाले सुधारों में इतिहास उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करेगा। वह एक ऐसे नेता थे, जो काफी सौम्यता से बात करते थे, लेकिन अपने कार्यों से बड़ी उपलब्धियां भी हासिल कीं। डॉ. सिंह का जीवन नेतृत्व, विनम्रता और राष्ट्र की सेवा में एक मास्टरक्लास बना हुआ है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
Deeply saddened by the passing of Dr Manmohan Singh. History will forever honour his pivotal role in the transformative 1991 reforms that reshaped India and opened its doors to the world. A rare leader who spoke softly but achieved monumental strides through his actions, Dr… pic.twitter.com/seW5Fk5hKY
— Gautam Adani (@gautam_adani) December 26, 2024
दिल्ली के एम्स में ली अंतिम सांस
डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के एम्स 92 साल की उम्र में निधन हुआ। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। वह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे थे। वह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे। हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला। मनमोहन सिंह ने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी।
दो बार बने देश के प्रधानमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह और मां का नाम अमृत कौर था। उन्होंने 1952 और 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और मास्टर्स की डिग्री हासिल की। एमए इकोनॉमिक्स में वह यूनिवर्सिटी टॉपर रहे थे। उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना इकोनॉमिक्स ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने साल 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की डिग्री हासिल की।
वित्त मंत्री के रूप में योगदान
1991 में भारत जब गंभीर आर्थिक संकट के गुजर रहा था। उस समय डॉ. मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिसने भारत को आर्थिक उदारीकरण की राह पर आगे बढ़ाया। 1991 से 1996 तक डॉ. मनमोहन सिंह भारत के वित्त मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति लागू की, जिसे विश्वभर में सराहा गया। इन सुधारों ने भारत को आर्थिक संकट से उबारकर एक नई दिशा दी। डॉ. मनमोहन सिंह 1991 में पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने। 1998 से 2004 तक, जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी, डॉ. सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे।