पश्चिम बंगाल में तीन दिन से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चार घंटे में ड्यूटी पर लौटने अथवा अनिवार्य सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत खामियाजा भुगतने के अल्टीमेटम को दरकिनार कर आंदोलन पर कायम हैं और कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।
डॉक्टरों की गैरमौजूदगी के कारण एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तीन मरीजों की मौत की सूचना है। उत्तर बंगाल से मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पिछले 24 घंटों के दौरान 15 मरीजों की मौत हो गयी हालांकि इस आंकड़े की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर 24 परगना के कमरहाटी में सागर दत्ता मेमोरियल अस्पताल के आठ वरिष्ठ डॉक्टरों ने जूनियर सहयोगियों के समर्थन में इस्तीफा देने का फैसला किया है। इस बीच जूनियर डॉक्टरों का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री की ओर से अल्टीमेटम मिलने के बाद राज्यपाल के एस त्रिपाठी से मुलाकात के लिए गुरुवार को राजभवन जाएगा।
गौरतलब है की ममता बनर्जी ने राज्य के आंदोलनरत कनिष्ठ चिकित्सकों से गुरुवार को चार घंटे के भीतर काम पर लौटने को कहा और इस निर्देश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी थी। राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले तीन दिनों से चिकित्सकीय सेवाएं बाधित होने के मद्देनजर ममता आज सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने पुलिस को परिसरों को खाली कराने का निर्देश दिया था।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मरीजों के अलावा किसी अन्य को परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी जाए। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह आंदोलन प्रतिद्वंद्वी दलों के षड्यंत्र का हिस्सा है। ममता के पास स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी प्रभार है।
उन्होंने कहा, ‘‘कनिष्ठ चिकित्सकों का आंदोलन माकपा और बीजेपी का षड्यंत्र है।’’ ममता ने दावा किया कि बाहर के लोग चिकित्सकीय कॉलेजों और अस्पतालों में व्यवधान डालने के लिए घुस आए हैं। कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में एक चिकित्सक पर हमला और उसे गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना के बाद से चिकित्सक मंगलवार से आंदोलन कर रहे हैं।
उन्होंने ममता के सामने ‘‘हमें न्याय चाहिए’’ के नारे भी लगाए। प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले दो दिनों में राज्य में कई सरकारी चिकित्सकीय कॉलेजों एवं अस्पतालों और कई निजी चिकित्सकीय सुविधाओं में आपातकालीन वार्ड, बाह्य सुविधाएं और कई रोगविज्ञान इकाइयां बंद हैं।