जबलपुर: ट्रेन में डकैती डालने के दौरान एक रूसी महिला की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी को जिला न्यायालय द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने उचित ठहराया है। सतना जिला न्यायालय ने पारस कोल सहित पांच अन्य को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ पारस ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की गयी थी। यहां न्यायाधीश एस के सेठ और न्यायाधीश अंजुली पालो की युगलपीठ ने जिला न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते दायर अपील को खारिज कर दिया।
अभियोजन के अनुसार बनारस से चलने वाली कामयानी एक्सप्रेस को 27-28 दिसम्बर 2008 की रात्रि 12 से 1 बजे के दौरान डभौरा और पन्हाई के बीच चेन पुलिंग कर रोका गया था। इस दौरान एसी 2 ओर 3 बोगी की कपलिंग खोलकर सशस्त्र बदमाश ट्रेन के अंदर आ गये थे। कुछ बदमाश गेट पर खड़ हो गये और कुछ ने यात्रियों के साथ लूटपाट शुरू कर दी।
इसी दौरान डकैत ट्रेन में यात्रा कर रही रूसी महिला कैलीमोवा के सामान की तलाशी लेने लगे। विरोध करने पर डकैतों ने उस पर कट्टे से फायर कर दिया। कैलीमोवा की साथी लीला पर भी डकैतों ने फायर किया। ट्रेन जब मानिकपुर स्टेशन पहुंची तो जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने कैलीमोवा को मृत घोषित कर दिया था।
मानिकपुर जीआरपी ने हत्या, हत्या के प्रयास,डकैती सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया था। जीआरपी ने 15 व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया था। सतना जिला न्यायालय ने फरवरी 2014 को आरोपी पारस कोल सहित पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया था।