जम्मू-कश्मीर के बडगाम में बुधवार की सुबह भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए चंडीगढ़ के स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ का पार्थिव शरीर गुरूवार की देर शाम चंडीगढ़ पहुंच गया था। तिरंगे में लिपटे शहीद सिद्घार्थ को लेने उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर आरती सिंह पूरी भारतीय वायुसेना की वर्दी में एयरपोर्ट पहुंची। आज विंग कमांडर सिद्घार्थ का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एयरपोर्ट से सेक्टर-44 स्थित आवास तक सिद्धार्थ के पार्थिव शरीर को पहुंचाने के लिए एक विशेष कॉरिडोर एयरफोर्स और चंडीगढ़ पुलिस की ओर से बनाया गया था। शहीद सिद्धार्थ के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर लोगों की काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिली।
बता दें कि 2013 में ही सिद्धार्थ वशिष्ठï ने भारतीय वायु सेना में स्क्वॉडन लीडर आरती सिंह से शादी करी थी। जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में 27 फरवरी को सिद्धार्थ का हेलीकॉप्टर कै्रश हो गया और वह 31 साल की आयु में ही हम सभी के बीच में नहीं रहे। इस दुर्घटनाग्रस्त में विंग कमांडर के अलावा 4 और एयरफोर्स सर्विसमैन शहीद हुए हैं। इनमें एक सरजेंट,2 कॉर्पोरल रैंक,एक स्क्वॉडन लीड सहित एक नागरिक की जान गई है।
शहीद सिद्धार्थ के अंतिम विदाई की कुछ भावुक तस्वीरें…
पति को तिरंगे में लिपटे देख शहीद सिद्धार्थ की पत्नी अपने आंसू को नहीं रोक पाई। वहीं वह अपने पति को एयरफोर्स की यूनिफॉर्म में लेने पहुंची।
शहीद सिद्धार्थ की बहन का रो-रोकर बहुत बुरा हाल हो चुका है। वह अपने भाई के तिरंगे से लिपटे ताबूत से खूब लिपटकर रो रही हैं।
विंग कमांडर के माता-पिता भी काफी ज्यादा भावुक हैं। शहीद के पिता ने बताया कि बेटे ही नहीं बल्कि उनकी 4 पीढिय़ां फौज में रहीं हैं लेकिन देश के लिए शहीद होने का गर्व सिर्फ मेरे बेटे को ही मिला है। पिता को बेटे के जाने का गम तो है ही लेकिन उन्हें अपने बेटे पर गर्व भी है वहीं मां अभी भी सदमे में है।
31 साल की आयु में भारत मां का कर्ज तो चुका गया सिद्धार्थ लेकिन इस परिवार से उनका बहुत कुछ छिन गया है।
बता दें कि विंग कमांडर के पिता जगदीश कंसल भी फौज से ही रिटायर हैं। एमआई-17 हेलीकॉप्टर में घाटी के बडगाम के गारेंद कलां गांव के मैदान में सिद्धार्थ का हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था।
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