सिक्किम में भूस्खलन और बाढ़ के कारण जनजीवन ठप हो गया है। सेना ने तीन हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। भारतीय सेना ने लाचेन गांव में फंसे 113 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला, जिनमें 30 को एयरलिफ्ट किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने असम और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों से बात कर सहयोग का आश्वासन दिया।
सिक्किम समेत अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में आए भीषण भूस्खलन और बाढ़ से सामान्य जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने से सैकड़ों लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है। सेना ने अब तक करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। वहीं, सिक्किम में आए भीषण भूस्खलन के बाद यहां भी भारतीय सेना खराब मौसम और खतरनाक भौगोलिक परिस्थितियों के बीच लगातार बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई है। बुधवार को इस विषय में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पूरी तरह से बाहरी संपर्क से कट चुके सिक्किम के लाचेन गांव तक सेना के जवान पैदल पहुंचे हैं। सेना के जवानों ने वहां फंसे 113 पर्यटकों का पता लगाया। इनमें से 30 लोगों को वायुसेना द्वारा सुरक्षित एयरलिफ्ट किया गया। एयरलिफ्ट किए गए पर्यटकों में कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
PM मोदी ने बाढ़ की स्थिति पर असम, सिक्किम के CM से बात की, सहयोग का आश्वासन दिया
इसके साथ ही, इलाके में राहत और बचाव अभियान जारी है। बुधवार तक की ताजा स्थिति के मुताबिक अब भी छह लोग लापता हैं, जिनकी तलाश विशेष टीमों और अत्याधुनिक उपकरणों के साथ की जा रही है। अस्थिर जमीन और उच्च हिमालयी इलाके में स्थित होने के बावजूद, भारतीय सेना यहां डटी हुई है। उनका स्पष्ट संदेश है “हर जीवन कीमती है, और हर संभव प्रयास जारी रहेगा। वहीं, मणिपुर और त्रिपुरा में बाढ़ से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां नागरिकों की मदद के लिए ऑपरेशन जल राहत-2 के तहत असम राइफल्स की व्यापक तैनाती की गई है। सेना की पूर्वी कमान के अधीन असम राइफल्स ने ऑपरेशन जल राहत-2 के तहत मणिपुर और त्रिपुरा में व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान शुरू किया है। इंस्पेक्टर जनरल असम राइफल्स की निगरानी में कुल 10 टीमें राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से तैनात की गई हैं।
वहीं, उत्तर पूर्व के चंद्रपुर, रेशम बगान, भूटानखाल और कामरंगा में दो टीमें तैनात कर 200 नागरिकों को बचाया गया है। उन्हें तत्काल चिकित्सकीय और खाद्य सहायता उपलब्ध कराई गई। भारतीय सेना और असम राइफल्स की ये कार्रवाइयाँ न केवल उनकी रणनीतिक क्षमता का प्रमाण हैं, बल्कि उनके मानवता के प्रति समर्पण को भी दर्शाती हैं। उत्तर पूर्व भारत के कठिन इलाकों में राहत अभियान की यह तस्वीर, एक बार फिर यह साबित करती है कि संकट के समय में भारतीय सेना और अर्धसैनिक बल देशवासियों की ढाल बने हुए हैं।