उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद भूस्खलन, मलबे के नीचे दबने से चार लोगों की मौत Landslide After Heavy Rain In Uttarakhand, Four People Died After Being Buried Under Debris
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उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद भूस्खलन, मलबे के नीचे दबने से चार लोगों की मौत

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के फाटा इलाके में बृहस्पतिवार की रात को भारी बारिश के बाद आए भूस्खलन में चार लोगों की मौत हो गई। मृतक नेपाल के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार की रात करीब डेढ़ बजे स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स को यह सूचना मिली कि भारी बारिश के चलते फाटा इलाके में भूस्खलन से कई लोग मलबे के अंदर दबे हैं। जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम निरीक्षक कर्ण सिंह के नेतृत्व में तुरंत एक टीम को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। जहां पर गंतव्य तक जाने वाला डोलिया देवी मार्ग अवरुद्ध होने के कारण एसडीआरएफ टीम करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर घटनास्थल पर पहुंची।

  • उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद आए भूस्खलन में चार लोगों की मौत हो गई
  • मृतक नेपाल के रहने वाले थे
  • रात करीब डेढ़ बजे स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स को यह सूचना मिली

मिट्टी की खुदाई के बाद रेस्क्यू अभियान शुरू

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घटनास्थल पर पहुंची टीम ने पाया कि फंसे लोगों को बचाने के लिए आवश्यक जेसीबी मशीन का भी भारी बारिश के कारण वहां पहुंच पाना संभव नहीं था। इसके बाद एसडीआरएफ के जवानों ने मिट्टी की खुदाई कर रेस्क्यू अभियान शुरू किया। खबर लिखे जाने तक SDRF उत्तराखंड पुलिस की टीम ने चार शवों को मलबे से बाहर निकाल कर पुलिस को सौंप दिया था। चारों मृतक नेपाल के रहने वाले थे। इनके नाम तुल बहादुर (पुत्र हरक सिंह निवासी जिला-चितोन ऑयल, नारायणी), पुरना नेपाली (निवासी- जिला चितोन ऑयल, नारायणी), किशना परिहार (निवासी- जिला चितोन ऑयल, नारायणी) और चीकू बूरा (पुत्र श्री खड़क बहादुर, निवासी, देहलेख, आँचल, करनाली) हैं।

पुलिस ने मृतकों का पंचनामा भरा

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पुलिस ने मृतकों का पंचनामा भर दिया है। बताया जा रहा है भारी बारिश के समय ये लोग दुर्घटना वाली जगह पर मौजूद थे, जब बारिश की वजह से मिट्टी का भारी ढेर कट कर वहां आया तो ये लोग अपने स्थान को छोड़ कर भाग नहीं पाए और दब गए। इससे पहले  त्रिपुरा में पिछले कुछ दिन में हुई भारी बारिश के कारण कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि राज्य में 65,400 लोगों ने 450 राहत शिविरों में शरण ली है, क्योंकि भारी बारिश के कारण उनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा कि सांतिरबाजार में अश्वनी त्रिपुरा पारा और देबीपुर में भूस्खलन के बाद दस लोग मलबे के नीचे दब गए। उन्होंने कहा, मैं मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करता हूं। यह अपूरणीय क्षति है। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को चार लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है। इससे पहले राजस्व विभाग के सचिव बृजेश पांडेय ने बताया था कि राज्य में भारी बारिश के बाद 12 लोगों की मौत हो गई।

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