शनिवार को चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की किस्मत का फैसला सुनाया जाएगा। आपको बता दे कि देवघर कोषागार से जुड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत लालू यादव और जगन्नाथ मिश्र समेत कई आरोपियों पर फैसला सुनाएगी।
बता दे कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र पटना से हजारीबाग के लिए रवाना हो गए हैं। कुछ ही देर में लालू व अन्य रांची पहुंचेंगे। यह मामला 1990 से 1994 के बीच देवघर ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर करीब 84.53 लाख की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है।
आपको बता दे कि साल 1990 से 94 के संयुक्त बिहार का चारा घोटाला आज भी लोगों की जुबान पर है। बिहार की सत्ता को हिलाकर रख देने वाले इस घोटाले के एक मामले में 21 वर्ष के बाद फैसले की घड़ी आई है। जाहिर तौर पर इस महाघोटाले के किंगपीन माने जाने वाले लालू प्रसाद का सियासी भविष्य आने वाला फैसला तय करेगा।
फैसले की तिथि सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने निर्धारित की है। मामले में लालू-जगन्नाथ सहित 22 आरोपी न्यायालय में ट्रायल फेस कर रहे हैं। मामले में देवघर कोषागार से करीब 90 लाख रुपये निकासी की बात सामने आई है। मामले में 34 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
आपको बता दे कि लालू प्रसाद पर IPC की धारा 418, 420, 467, 468 ,477A , 409, 201 और 511 के अलावा प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के 13(1)D के तहत मुकदमा चल रहा है। लालू के अलावा जिन आरोपियों पर फैसला होना है। इसमें राजनीतिज्ञ आरोपी डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद सह पूर्व मंत्री डॉ. आरके राणा, बिहार के पूर्व पशुपालन मंत्री विद्या सागर निषाद और पीएसी अध्यक्ष ध्रुव भगत शामिल हैं।
इस बहुचर्चित घोटाले में फर्जी विपत्र के आधार पर करीब 84.53 लाख की निकासी हुई थी. 1995 में सीएजी (कैग) के रिपोर्ट के बाद निगरानी जांच शुरू हुई जो महज एक महीने के अंदर पूरी कर ली गई। इन सबके बीच 15 मई 1996 को सीबीआई ने शिकंजा कसते हुए लालू, जगन्नाथ मिश्र समेत 34 लोगों पर मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू की।
28 अक्टूबर 1997 को सीबीआई ने सबूतों के साथ सभी 34 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर सभी की मुश्किलें बढ़ा दी. 21 वर्षों तक सीबीआई की विशेष अदालत में चले ट्राइल में राजनेता, पशुपालन विभाग के अधिकारी, ट्रेजरी ऑफिसर और सप्लायरों पर फर्जी रूप से आवंटन दिखा कर सरकारी राशि का साजिश के तहत गबन करने का आरोप है।
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