Kolkata Rape-Murder Case में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से CBI ने की पूछताछ
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Kolkata Rape-Murder Case में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से CBI ने की पूछताछ

Rape-Murder Case

Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले सप्ताह जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के सिलसिले में सीबीआई ने एजेंसी के साल्ट लेक कार्यालय में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ की। हालांकि अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि घोष को गिरफ्तार किया गया है या उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

Highlights

  • Rape-Murder Case में CBI ने की पूछताछ
  • घोष को आर.जी. कर के प्रिंसिपल पद से हटाया गया
  • संदीप घोष पर घटना का FIR न दर्ज करने का आरोप

Rape-Murder Case में CBI ने की पूछताछ

यह घटनाक्रम(Rape-Murder Case) संदीप घोष के कलकत्ता उच्च न्यायालय में पुलिस सुरक्षा की मांग करने के कुछ घंटों बाद हुआ। हालांकि, अदालत ने उन्हें मामले में उचित याचिका दायर करने का निर्देश दिया। अब इस पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बाद से वे फिलहाल छुट्टी पर हैं। घोष ने सोमवार को आर.जी. कर के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें अगले आदेश तक राज्य के किसी भी मेडिकल कॉलेज का प्रमुख नियुक्त नहीं किया जाएगा।

इस्तीफा के तुरंत बाद ही CNMCH का प्रिंसिपल हुआ नियुक्त

गौरतलब है कि सोमवार को आर.जी. कर के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद ही घोष को कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया। इस पर CNMCH के मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूत्रों ने बताया, ”घोष के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल में जूनियर डॉक्टर का शव मिलने के तुरंत बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज नहीं कराई। इस बारे में कोई शिकायत नहीं की, इसलिए पुलिस को शुरू में ‘अप्राकृतिक मौत’ का मामला दर्ज करना पड़ा।”

HC ने अस्पताल प्राधिकारियों की भूमिका पर उठाए सवाल

मंगलवार को कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मामले से निपटने में अस्पताल प्राधिकारियों की भूमिका पर भी कई सवाल उठाए।
कोर्ट ने कहा, ”प्रिंसिपल वहां काम करने वाले सभी डॉक्टरों का संरक्षक है, अगर वह कोई सहानुभूति नहीं दिखाते हैं, तो कौन दिखाएगा? उन्हें घर पर रहना चाहिए, और कहीं काम नहीं करना चाहिए। अगर प्रिंसिपल ने ‘नैतिक जिम्मेदारी’ का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया है, तो यह काफी गंभीर मामला है कि उन्हें 12 घंटे के भीतर दूसरी नियुक्ति दे दी गई। उन्हें लंबी छुट्टी पर जाने दें, अन्यथा हम आदेश पारित करेंगे।” इसके तुरंत बाद, विवादास्पद डॉक्टर ने राज्य स्वास्थ्य विभाग को 15 दिन की छुट्टी के लिए आवेदन दिया।

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