कसौली गोलीकांडः महिला अफसर की हत्या का आरोपी गिरफ्तार - Punjab Kesari
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कसौली गोलीकांडः महिला अफसर की हत्या का आरोपी गिरफ्तार

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नई दिल्ली: हिमाचल के कसौली गोलीकांड में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, वहां अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने गई एक महिला सहायक टाउन प्लानर शैल बाला शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हिमाचल प्रदेश और दिल्ली की संयुक्त पुलिस टीम ने शैल बाला शर्मा की हत्या के आरोपी को मथुरा से गिरफ्तार कर लिया है। वारदात के करीब 48 घंटे बाद आरोपी विजय ठाकुर को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली।प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल के सामने ही आरोपी होटल मालिक ने करीब चार राउंड फायरिंग की थी।जिसमें एक गोली महिला अधिकारी शैल बाला शर्मा के मुंह पर और एक गोली लोक निर्माण विभाग के बेलदार गुलाब सिंह के सीने पर जा लगी।

बताया जा रहा है कि आरोपी की गिरफ्तारी मोबाइल लोकेशन की वजह से हुई है। दरअसल आरोपी का एक रिशतेदार बीती रात से हिमाचल पुलिस के आला अधिकारियों से विजय ठाकुर के आत्मसर्मपण करने की बात अपने मोबाइल से कर रहा था। उसके बाद उसने विजय ठाकुर से भी अपने मोबाइल से बात की। इस दौरान पुलिस ने मोबाइल को ट्रैक करना शुरू किया तो उसकी लोकेशन हिमाचल प्रदेश से बाहर आने लगी। अचानक पता चला कि इसी फोन से वृंदावन में भी बात हो रही है। उसी समय पुलिस एक गुपचुप प्लान के तहत अपनी एक टीम को दिल्ली रवाना कर दिया। आज दिन में एक बार फिर पुलिस अधिकारियों के साथ उसी रिशतेदार ने दोबारा सपंर्क साधा व आरोपी के सरेंडर करने की मंशा जाहिर की। तो उस समय साफ हो गया कि मोबाइल वृंदावन के आसपास ही एक्टिव है। उसी आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस से मदद लेने के बजाए हिमाचल व दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने आरोपी को वृंदावन से दबोच लिया। उसे एक होटल से दो घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया गया। उस समय वह भेष बदल कर रह रहा था व अपने बाल भी कटवा लिये थे।

बताया जा रहा है कि हिमाचल पुलिस ने इस लिए यूपी पुलिस को मदद नहीं ली कि पुलिस को जो इनपुट मिले थे,उसमें यह बात थी कि आरोपी वृंदावन के होटल में रूका है। लेकिन ठिकाने का पता नहीं था। इसी वजह से यहां दो टीमों ने सारे होटलों कां खंगाला तो एक होटल में शक के आधार पर विजय ठाकुर को पकड़ा गया तो पूछताछ के आगे वह ज्यादा नहीं टिक पाया।

उधर, कसौली फायरिंग मामले में डीसी सोलन विनोद कुमार ने आज कहा कि इसमें चूक तो हुई है। जिम्मेदारी प्रशासन की बनती थी, इसलिए प्रशासन मामले की जिम्मेदारी लेता है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीसी विनोद कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अवैध कब्जे हटवाने के लिए प्रशासन, पुलिस की टीम बनाई गई थी। अब देखते हैं कि चूक कहां हुई है। उन्होंने कहा कि इस बारे जांच कमेटी बिठा दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इसके लिए जांच कमेटी बिठाई गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई  राज्य सरकार को कड़ी फटकार 

महिला अधिकारी की हत्या करने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने अफसर को सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराने पर भी राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और राज्य सरकार को इस मामले की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपने को आदेश दिया था।

 

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