IAS और IPS की तरह न्यायिक तरह होनी चाहिए न्यायिक सेवा : रविशंकर प्रसाद - Punjab Kesari
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IAS और IPS की तरह न्यायिक तरह होनी चाहिए न्यायिक सेवा : रविशंकर प्रसाद

रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में पिछली सरकार के मुकाबले उच्च न्यायालयों में

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि निचली अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की तर्ज पर न्यायिक सेवा होनी चाहिए। मंत्री ने यह भी कहा कि अदालतों में लंबित मामलों को निपटारे एवं खाली पदों को भरने के लिए वह उच्च न्यायालयों के मुख्यम न्यायाधीशों को लिख चुके हैं और इस मामले में सरकार न्यायपालिका के साथ मिलकर काम करेगी।

प्रश्नकाल के दौरान असदुद्दीन ओवैसी, कल्याण बनर्जी और किरीट सोलंकी के पूरक प्रश्नों के उत्तर में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की तर्ज पर न्यायिक सेवा होनी चाहिए जिसकी परीक्षा यूपीएससी ले ताकि निचली अदालतों में विभिन्न प्रतिष्ठित विधि स्कूलों के छात्रों एवं दूसरे प्रतिभावन युवाओं को मौका मिल सके।

उन्होंने कहा कि ऐसा करने से निचली अदालतों की विश्वसनीयता में बढ़ोतरी होगी। न्यायपालिका में आरक्षण के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि उच्च न्यायपालिका में समाज के सभी वर्गों की मौजूदगी हो और यह मुद्दा विचाराधीन है, हालांकि न्यायपालिका की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।

साथ ही उन्होंने यह कहा कि न्यायपालिका के अधिकारक्षेत्र में दखल देने का कोई इरादा नहीं है। देश की अदालतों में लंबित मामलों से जुड़े प्रश्न पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बारे में वह उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को पत्र लिख चुके हैं और इस संदर्भ में हम न्यायपालिका के साथ मिलकर काम कर करेंगे।

रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में पिछली सरकार के मुकाबले उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति कहीं ज्यादा की है। उन्होंने कहा कि 2016 में 126 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई तो 2017 और 2018 में भी 100 से अधिक न्यायाधीश नियुक्त किए गए।

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