दलित के साथ जलता गुजरात , वही प्रदर्शन से पहले जिग्नेश मेवाणी को लिया हिरासत में - Punjab Kesari
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दलित के साथ जलता गुजरात , वही प्रदर्शन से पहले जिग्नेश मेवाणी को लिया हिरासत में

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दलित कार्यकर्ता भानुभाई वानकर की मौत को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। राजनीति के त्रिमूर्ति माने जाने वाले जिग्नेश मेवानी, हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकुर ने गुजरात सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दूसरी तरफ भाजपा विधायक कारसन सोलंकी को गुस्साएं भीड़ ने पीड़ित परिवार से मिलने से रोकते हुए नारेबाजी की। आपको बता दे कि गुजरात में दलित के आत्मदाह के बाद भड़की हिंसा को लेकर गुजरात सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्यवाही तेज़ कर दी है।

इन्ही कार्यवाहियों के चलते गुजरात पुलिस ने विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया है। दलित नेता ने आज पाटन में विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन प्रदर्शन होने से पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं अहमदाबाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया है लोगों ने कारों को आग लगा दी इस वजह से हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिसबल को सड़क पर उतरना पड़ा है।

वहीं इस मामले में उत्तर गुजरात के उंझा में बंद का एलान किया गया था हालांकि जब लोग हाइवे जाम करने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोका विरोध करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया वहीं लोगों की तरफ से पथराव की भी खबर है।

उधर, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, ओबीसी नेता और कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकुर मृतक के परिवार से मिलें और दलित समुदाय को न्याय और दोषी पर ठोस कार्रवाई की मांग की।

इधर अहमदाबाद- गांधीनगर राजमार्ग पर इसी मुद्दे को लेकर वडगाम से नवनियुक्त विधायक और उग्र नेता के रुप में उभरे जिग्नेश मेवानी ने मुख्यमंत्री विजय रूपानी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गुजरात मुख्यमंत्री के पिता का नहीं है, उन्हें तो नर्मदा नदी में डूब जाना चाहिए।

आपको बता दे कि दलितों को सरकार की ओर से आवंटित जमीन के कब्जे की मांग को लेकर दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर ने गुरुवार को कलेक्टर ऑफिस में खुद को आग लिया था वहीं शुक्रवार रात अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया इसके बाद से ही लोग न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

हेमा बेन वणकर खुद दलित खेत मजदूर हैं वो पिछले कई सालों से खेत में मजदूरी का काम करती आ रही हैं लेकिन महेसुल विभाग की दरखास्त के मुताबिक कलेकटर द्वारा दलित को जमीन मिलने की रिपोर्ट देने के बाद और 2013 में जमीन री-ग्रान्ट पर देने के ऑर्डर के बाद उन्होंने 22,236 रुपये भी जमा करवाए थे जमीन विवाद को लेकर दलित परिवार पिछले कुछ वक्त से कलेक्टर ऑफिस का चक्कर लगा रहा था परिवार के सदस्य कुछ दिन से धरने पर भी थे बार-बार कलेक्टर के सामने ज्ञापन देने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई इसके बाद इस मामले में गुरुवार की दोपहर दलित समाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर ने खुद पर केरोसीन डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

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