Jharkhand में अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज%
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Jharkhand में अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज

Jharkhand

Jharkhand: रांची में अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे पारा शिक्षकों को तितर-बितर करने के लिये पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।

Highlights

  • Jharkhand में सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे पारा शिक्षकों
  • पारा शिक्षकों पर की गई लाठीचार्ज
  • शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग

Jharkhand में सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे पारा शिक्षकों

झारखंड(Jharkhand) प्रदेश के 60 हजार पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर राजधानी के मोरहाबादी मैदान में इकट्ठा हुए थे। शिक्षकों का प्लान मोरहाबादी मैदान से जुलूस निकालते हुए सीएम आवास का घेराव करना था। इसे देखते हुए पुलिस ने मोरहाबादी मैदान के आस-पास कई परतों में बैरिकेडिंग कर सुरक्षा के कई घेरे तैयार किये। इसके अलावा एसपी सिटी कई थानों की पुलिस के साथ मैदान के पास कैंप लगाकर सुरक्षा-व्यवस्था की पड़ताल कर रहे हैं।

पारा शिक्षकों पर की गई आंसू गैस के साथ लाठी चार्ज

जैसे ही शिक्षकों की भीड़ सीएम आवास के घेराव के लिए मोरहाबादी मैदान से बाहर निकली, पुलिस ने उन्हें वहीं रोक लिया। बढ़ती भीड़ को तितर-बितर करने के लिये पुलिस को आंसू गैस के साथ लाठी चार्ज भी करना पड़ा। पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किये जाने के बाद कई पारा शिक्षक घायल हो गए।

अपनी मांगों को लेकर शिक्षकों का जिद्द

बल प्रयोग में घायल सहायक पारा शिक्षक सिंटू सिंह ने बताया, “हम इसलिये सीएम आवास का घेराव करने निकले थे क्योंकि सरकार कुछ ही महीने में चुनाव हार जायेगी, लेकिन सरकार के आश्वासनों का दौर थम नहीं रहा है।” उन्होंने आगे भावुक होते हुए कहा, “अब चाहे लाठी चले या गोली, हम लोग सीएम आवास पहुंचकर रहेंगे।“

शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग

बता दें कि झारखंड(Jharkhand) में करीब 60 हजार पारा शिक्षक हैं। ये शिक्षक नियमित वेतनमान सहायक, शिक्षक नियमावली में बदलाव व शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से मांगे पूरी न होने की वजह से शिक्षक मोरहाबादी मैदान में इकट्ठा हुए थे।इससे पहले भी शिक्षकों ने सरकार को मार्च 2024 तक सभी मांगे मानने का अल्टीमेटम दिया था। जब सरकार ने शिक्षकों की बातें नहीं मानी तो शिक्षक आंदोलन पर उतर आए।


इसके अलावा पारा शिक्षकों के अन्य मांगों में शिक्षकों को पीएफ का लाभ, सरकार द्वारा द्वितीय आकलन परीक्षा का आयोजन जल्द करवाना, दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पारा शिक्षक को प्रावधान के अनुसार परीक्षा के अंक में छूट देना शामिल है।

(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी पंजाब केसरी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है )

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