Jammu Kashmir: अलगाववादी नेता और हुर्रियत सदस्य सैयद सलीम गिलानी रविवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) में शामिल हो गए। गिलानी यहां पीडीपी कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की मौजूदगी में पीडीपी में शामिल हुए।
हिंसा में खत्म हो रही जिंदगियों को बचाने का केवल राजनीतिक- सलीम गिलानी
गिलानी ने पीडीपी में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘पीडीपी ऐसी पार्टी है जो लोकतांत्रिक अधिकारों, मानवाधिकारों और लोगों के राजनीतिक अधिकारों की बात करती है। यह कश्मीर समस्या के राजनीतिक समाधान की बात करती है… इसलिए मुझे लगा कि इसमें शामिल होने के लिए यह सही पार्टी है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान केवल राजनीतिक रूप से ही हो सकता है। गिलानी ने कहा, ‘‘बंदूक से कोई समाधान नहीं हो सकता। हिंसा में खत्म हो रही जिंदगियों को बचाने का यही एकमात्र तरीका है।’’
पूर्व अलगाववादी नेता कश्मीर समस्या का शांतिपूर्ण चाहते हैं समाधान
जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह के करीबी सहयोगी रहे गिलानी मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाली हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की जनरल काउंसिल के सदस्य थे। गिलानी का स्वागत करते हुए मुफ्ती ने कहा कि यह अच्छी बात है कि पूर्व अलगाववादी नेता कश्मीर समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने गिलानी से पीडीपी के टिकट पर चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने में असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि किसी और को चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए।’’
इससे पहले, पूर्व कांग्रेस नेता अल्ताफ अहमद मलिक समेत कई अन्य नेता पीडीपी में शामिल हो गए। दूसरी ओर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता बाबू जगजीवन लाल और पीडीपी के पूर्व मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी रविवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया। शनिवार को पूर्व विधायक मुमताज खान (गुलाबगढ़) और अब्दुल रहीम राठेर (कोनेरनाग) तथा मानवाधिकार कार्यकर्ता इरफान हफीज लोन भी कांग्रेस में शामिल हो गए।
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