नई दिल्ली: इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक, आंतकी समूह जैश-ए-मोहम्मद भारत के नेवी पर हमले की साजिश रह रहा है। खूफिया एजेंसियों से मिली जानकारी की मानें तो जैश के आतंकियों को डीप सी ऑपरेशन्स की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि इंडियन नेवी के लड़ाकू जहाजों पर हमले को अंजाम दिया जा सके। आंतकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर से भारत में अपने नापाक इरादों को अंजाम देने की तैयारी कर ली है। हालांकि, नेवी इस इेंटेलिजेंस अलर्ट को काफी गंभीरता से ले रहा है।
इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के मल्टी एजेंसी सेंटर ने संकेत दिये हैं कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अपने आतंकियों को समुद्री तकनीक की ट्रेनिंग दे रहा है। यानी जैश के आंतकी पाकिस्तान के बहावलपुर में समुद्री तकनीक यानी डीप डाइविंग और स्विमिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं और यह बताया जा रहा है कि शायद ये आतंकी भारत के नेवी ठिकानों पर हमले करने और नेवी की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए यह ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो जैश की इस साजिश से नेवी की संपत्तियों को बड़ा खतरा है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि जैश के आतंकी नेवी के किस युद्धपोत को निशाना बनाएंगे। मगर यह बताया जा रहा है कि नेवी की सामरिक संपत्तियां उनके निशाने पर हो सकती हैं। भारत की बैलिस्टिक मिसाइल की क्षमता वाली सबमरीन आईएनएस अरिहंत और आईएनएस हरिघाट पर भी खतरा हो सकता है। ये दोनों सबमरीन और आईएनएस चक्र विशाखापट्टनम में तैनात हैं। खास बात है कि ये परमाणु हमले में भी सक्षण हैं।
सूत्रों ने बताया कि खतरा स्पेशिफिक है और नौसेना के बेस को अलर्ट कर दिया गया है। नेवी के सीनियर सूत्रों ने कहा कि भारत के नेवी बेस और पोर्ट काफी सुरक्षित हैं और कई लेवल पर सुरक्षा के इंतजाम किेय गये हैं। इनमें ऐसे सिस्टम हैं, जो डीप सी डाइवर्स की पहचान करने में भी सक्षम हैं। बताया जा रहा है कि इस अलर्ट को नेवी और सरकार दोनों काफी गंभीरता से ले रही है। साल 2000 में यूएसएस कोल हमले में 17 अमेरिकी नाविक मारे गये थे। बता दें कि यमन में अलकायदा के आतंकियों ने यूएसएस कोल पर हमला कर दिया था।