जय शाह मानहानि मामला: अदालत ने द वायर को सम्मन भेजा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

जय शाह मानहानि मामला: अदालत ने द वायर को सम्मन भेजा

NULL

अहमदाबाद की एक अदालत ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह द्वारा समाचार पोर्टल द वायर की एक खबर को लेकर उसके खिलाफ दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में आज प्रतिवादियों को सम्मन भेजे। खबर में दावा किया गया था कि 2014 में भाजपा के केंद, की सथा में आने के बाद से जय शाह की कंपनी के मुनाफे में बेतहाशा इजाफा हुआ। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस के गढ़वी ने पत्रकार रोहिणी सिंह, द वायर के पांच संपादकों और द वायर का प्रकाशन कर रही एक गैर-लाभ वाली कंपनी को सम्मन भेजे। सम्मन पर 13 नवंबर तक तामील होनी है।

 मेट्रोपोलिटन अदालत को प्रथमदृष्टया लगा कि सभी सात प्रतिवादियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत मामला बनता है जिसके बाद उसने सम्मन जारी किये। इस प्रावधान के तहत मानहानि के मामले में अधिकतम दो साल तक की साधारण कैद या जुर्माने या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।  इस मामले में जय अमित शाह समेत तीन गवाहों के बयानों पर तथा उनके वकील एस वी राजू द्वारा पेश दस्तावेजी साक्ष्यों पर विचार करने के बाद आदेश जारी किया गया। राजू ने आज अपनी दलीलें रखते हुए कहा, लेख सही इरादे से प्रकाशित नहीं किया गया था और इसका मकसद उनके मुवक्किल की साख को खराब करना था। सम्मन जारी करने से पहले अदालत ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत शिकायत के मामले में जांच कराई ताकि पता लगाया जा सके कि प्रतिवादियों के खिलाफ मामले को बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं।

शाह ने अपने आवेदन में अनुरोध किया था कि लेख लिखकर उनकी छवि को खराब करने तथा उन्हें बदनाम करने को लेकर प्रतिवादियों के खिलाफ आपराधिक कार्वाई की जाए। इस मामले के सात प्रतिवादियों में लेख लिखने वाली पत्रकार रोहिणी सिंह, द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एम के वेणु, प्रबंध संपादक मोनोबिना गुप्ता, पब्लिक एडिटर पामेला फिलीपोस तथा द वायर का प्रकाशन करने वाली गैर-लाभ वाली कंपनी फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म हैं। गवाहों के तौर पर पेश हुए कारोबारी जैमिन शाह तथा राजीव शाह ने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से लेख मिला और उन्होंने इस बारे में जय शाह को सूचित किया। उन्हें लगा था कि इस लेख से जय की साख पर धब्बा लगा है।

 गवाह के रूप में पेश हुए जय शाह ने भी अदालत से कहा कि उनके मित्रों और शुभचिंतकों ने उन्हें बताया कि लेख से उनकी छवि खराब हुई है। शाह के वकील राजू ने अदालत में कहा कि लेख में उनकी कंपनी या मुवक्किल के प्रति प्रामाणिक सोच नहीं रखी गयी बल्कि राज्य विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उन्हें बदनाम करने का उद्देश्य था। उन्होंने कहा कि लेख में कुछ गड़बड़ थी क्योंकि चुनाव से पहले मुद्दा बनाने के लिए इसे हड़बड़ में प्रकाशित किया गया। राजू ने अदालत से कहा कि शाह को एक प्रश्नावली का जवाब देने के लिए अपर्याप्त समय दिया गया और उनके जवाब पर आगे कोई पड़ताल नहीं की गयी। फरियादी का कहना है कि उन्हें बदनाम करने के लिए सुनियोजित साजिश रची गयी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 + nine =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।