ग्लोबल साइबर अटैक को रोकना आसान नहीं - Punjab Kesari
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ग्लोबल साइबर अटैक को रोकना आसान नहीं

बीबीसी की रिपोर्ट के जरिए,सिक्योरिर्ट रिसर्च ‘मैलवेयर टेक’ ने कहा कि दूसरा अटैक होने की अधिक संभावना है

बीबीसी की रिपोर्ट के जरिए,सिक्योरिर्ट रिसर्च ‘मैलवेयर टेक’ ने कहा कि दूसरा अटैक होने की अधिक संभावना है मैलवेयर हमले को सीमित कसे में मदद की इस वायरस ने यूजर्स की फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया यह वायरस इतना अधिक फैला स्पेन, फ्रांस 100 देशों में फैल गया।

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 इस वायरस के द्वारा कई अस्पतालों को अपनी सेवाएं कसी पड़ी उनमें से इग्लैंड में 48 राष्ट्रीय स्वास्थ सेवाएं 13 एचएस निकास इसके शिकार हुए वायरस ने मैसेज ऐजेटं के द्वारा कम्यूटरों को खोलने और उपभोक्ताओं के इस्तेमाल करने के लिए वर्चुअल मनी में 300 डॉलर बिटक्वाइन के भुगतान की मांग की गई।

मैंलवेयर टेंक अपनी पहचान नहीं जाहिर करना चाहता इसलिए वायरस के फैलने को रोकने के लिए डोमेन का पंजीकरण कराए जाने के बाद मैलवेयर टेक का ‘आक्स्मिक हीरो’ के तौर पर स्वागत किया। बीबीसी से 22 वर्षीय व्यक्ति ने कहा, ‘हमने इसे रोक दिया है पर कोई दूसरा आ रहा है जोकि हम इसे नहीं रोक सकतेरैनसमवेयर का इस्तेमाल करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रहे है जो इसका इस्तेमाल करने वालो को वाना डिक्रिप्टर या वानाक्राई के नाम से जाना जाता है माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सॉफ्टवेयर को यह वायरस आसानी से हैक होता है जिसकी पहले अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्घारा पहचान की गई थी।

रैनसमवेयर का इस्तेमाल करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रहे है जो इसका इस्तेमाल करने वालो को वाना डिक्रिप्टर या वानाक्राई के नाम से जाना जाता है माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सॉफ्टवेयर को यह वायरस आसानी से हैक होता है जिसकी पहले अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्घारा पहचान की गई थी।

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