चंद्रयान 3 ने अपने मिशन को पूरा कर लिया और अपार सफलता के बाद वह लगातार चंद्रमा से अनेक जानकारियां धरती तक पहुंचा रहा है। चंद्रयान-3 मिशन के दौरान चंद्रमा पर कई मौजूद चीजों का 3D इफेक्ट प्रज्ञान रोवर के जरिए दिखाई गई है। जी हां इसरो ने मंगलवार 5 सितंबर को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एक तस्वीर जारी करते हुए बताया की यह वह तस्वीर है जो चंद्रयान-3 से खींची गई है यह चंद्रमा की 3D इमेज है। बता दे की इस तस्वीर में चंद्रमा की सतह और विक्रम लैंडर दिखाई दे रहे हैं। जहां रोवर ने इसरो की इलेक्ट्रिक ऑप्टिक सिस्टम यानी कि (एल ई ओ एस) प्रयोगशाला की ओर से विकसित Navcam नामक तकनीक का उपयोग करके इस तस्वीर को पूर्ण रूप से तैयार किया गया है। इसरो ने बताया है की यह तस्वीर एग्नालिफ स्टीरियो या मल्टी व्यू छवियों से खींची गई है। स्टोर ने कहा कि 3D इमेज में बाई तरफ लाल चैनल स्थित है जबकि दाहिनी तरफ नील और हर चैनल स्थित है इन दोनों छवियों के बीच परिप्रेक्ष्य में अंतर के परिणाम स्वरुप स्टीरियो प्रभाव होता है। जो 3D इमेज का दृश्य प्रभाव देता है।
Chandrayaan-3 Mission:
Anaglyph is a simple visualization of the object or terrain in three dimensions from stereo or multi-view images.
The Anaglyph presented here is created using NavCam Stereo Images, which consist of both a left and right image captured onboard the Pragyan… pic.twitter.com/T8ksnvrovA
— ISRO (@isro) September 5, 2023
इससे पहले विक्रम लैंडर ने क्या किया?
अब आपके मन में ही कुछ सवाल आ रहे होंगे की 3D इमेज से पहले विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर क्या किया तो आपको बता दे की विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर सबसे पहले सफल होप परीक्षण किया।जिसे इसरो ने फिर से की गई सफल लैंडिंग के रूप में बताया था। सफल हो प्रशिक्षण में विक्रम लैंडर को एक बार फिर चंद्रमा की सतह पर उतर गया। इस परीक्षण के दौरान वैज्ञानिकों को भविष्य के चंद्र मिशन में मदद मिलेगी जहां पृथ्वी पर नमूने भेजे जा सकते हैं साथ इससे भी हमे मानवों को चंद्रमा तक पहुंचाने में मदद मिल सकती है जिनकी योजनाएं अभी बनाई जा रही है।
कब तक सक्रिय रहेगा लैंडर और रोवर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा सोमवार के दिन यह घोषणा की गई थी, कि चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर भारतीय संविधान अनुसार सुबह करीब 8:00 बजे सुप्तावस्था में चला जाएगा। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी से भी ऊर्जा मिलना बंद हो जाने पर विक्रम प्रज्ञान के पास ही निष्क्रिय अवस्था में चला जाएगा। उन्होंने बताया है कि 22 सितंबर 2023 के आसपास इसकी सक्रिय होने की उम्मीद है जहां 23 अगस्त के दिन चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 ने विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद पूरे विश्व में इतिहास रच दिया था यह चंद्रमा की सतह पर दक्षिणी ध्रुव में पहुंचने वाला पहला ऐसा मिशन था जिससे भारत में पूरा कर दिखाया।