विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य में शुक्रवार को लगी आग में झुलसने से नौसेना के एक अधिकारी की मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब वह कर्नाटक के कारवार स्थित हार्बर में दाखिल हो रहा था। नौसेना ने कहा कि लेफ्टिनेंट कोमोडोर डी एस चौहान ने प्रभावित हिस्से में आग बुझाने की कोशिशों की बहादुरी से अगुवाई की।
नौसेना ने एक बयान में कहा कि तेजी से कदम उठाते हुए पोत के चालक दल ने आग पर काबू पाया, जिससे इसकी लड़ाकू क्षमता को कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा। घटना किन वजहों से और किन परिस्थितियों में हुई, इस बात की जांच के लिए एक ‘बोर्ड ऑफ एन्क्वायरी’ के आदेश दे दिए गए हैं।
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नौसेना ने कहा, ‘‘लेफ्टिनेंट कोमोडोर डी एस चौहान ने प्रभावित अपार्टमेंट में आग बुझाने के प्रयासों का बहादुरी से नेतृत्व किया। आग पर तो काबू पा लिया गया, आग की लपटों और धुएं के कारण अधिकारी बेहोश हो गये।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें तुरंत इलाज के लिए कारवार स्थित नौसैनिक अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। आईएनएस विक्रमादित्य को नवंबर 2013 में रूस के सेवेरोदविंसक में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।