भारतीय उम्मीदों को झटका, मले‌शियन PM ने किया जा‌किर नाईक को सौंपने से ‌इंकार - Punjab Kesari
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भारतीय उम्मीदों को झटका, मले‌शियन PM ने किया जा‌किर नाईक को सौंपने से ‌इंकार

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विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक के भारत वापस आने की खबरों के बीच मलेशिया के प्रधानमंत्री ने बड़ा बयान दिया है। मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश अभी जाकिर नाईक को प्रत्यर्पित नहीं करेगा। मोहम्मद ने कहा कि जब तक वह हमारे देश में कोई दिक्कत खड़ी नहीं कर रहे हैं तब तक वह उसे प्रत्यर्पित नहीं करेंगे। क्योंकि जाकिर को मलेशिया की नागरिकता प्राप्त है।

आपको बता दें कि पहले मलेशिया से ऐसी खबर आई कि ज़ाकिर बुधवार रात को ही भारत आ सकता है, लेकिन बाद में विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि ये खबरें सही नहीं हैं. बाद में ज़ाकिर नाईक का भी बयान आया कि वह भारत नहीं आ रहा है।

मेरे भारत आने की खबर पूरी तरह से बेबुनियाद : ज़ाकिर नाईक

नाईक ने बयान में कहा, ‘‘मेरे भारत आने की खबर पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठी है। मेरी भारत आने की तब तक कोई योजना नहीं है जबतक मुझे अनुचित अभियोजन से सुरक्षा का अहसास नहीं हो जाता।’’ विवादित उपदेशक ने कहा कि जब उसे लगेगा कि सरकार न्यायोचित एवं निष्पक्ष है तब वह अपने वतन जरूर लौटेगा। नाईक भारत में घृणित भाषण देने और धनशोधन समेत विभिन्न मामलों का सामना कर रहा है और गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश में रह रहा है। गौरतलब है कि एनआईए ने 18 नवंबर 2016 को अपनी मुंबई शाखा में नाइक के खिलाफ यूएपीए कानून और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

बांग्लादेश में आतंकी हमले से जुड़े तार

डॉक्टर नाईक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड विधान की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 and 505 (2) के तहत आरोप तय किए गए थे। बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली, तो वो 1 जुलाई, 2016 को भारत से भाग गया। इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया था।

कई देशों में बैन है नाईक का पीस टीवी

NIA ने जाकिर पर देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया था। आतंकी संगठन ISIS में शामिल होने के लिए देश छोड़ने वाले भारतीय युवकों ने भी भारतीय एजेंसियों को बताया था कि वे जाकिर के भाषण से प्रभावित थे। जाकिर नाईक के पीस टीवी को कई देशों में बैन किया गया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच बैर बढ़ाने के आरोप में 2016 में 51 वर्षीय नाईक के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था। इस बीच, नाईक का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने आज कहा कि देश सार्वजनिक जीवन में अहम पदों पर बैठे लोगों पर सवालिया निशान लगने का जोखिम मोल नहीं ले सकता, लेकिन अगर किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने का आधार नहीं बनता है तो उसके पीछे नहीं पड़े रहना चाहिए। पूर्व कानून मंत्री खुर्शीद ने उन खबरों का स्वागत किया जिनमें कहा गया है कि नाईक स्वदेश लौट सकता है।

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