भारत ने सुखोई-30 से किया 'गौरव' बम का सफल परीक्षण, 100 किमी तक मारक क्षमता - Punjab Kesari
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भारत ने सुखोई-30 से किया ‘गौरव’ बम का सफल परीक्षण, 100 किमी तक मारक क्षमता

डीआरडीओ ने किया ‘गौरव’ लॉन्ग-रेंज बम का सफल परीक्षण, रक्षा मंत्री ने सराहा

भारत ने सुखोई-30 एमके-1 विमान से ‘गौरव’ लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम का सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ ने 8-10 अप्रैल के बीच इन परीक्षणों को अंजाम दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे सशस्त्र बलों की क्षमताओं को मजबूत करने वाला बताया। यह बम 100 किलोमीटर दूर तक सटीक निशाना लगा सकता है और पूरी तरह स्वदेशी है।

भारत ने लड़ाकू विमान से दागे जाने वाले लंबी दूरी के ग्लाइड बम (एलआरजीबी) ‘गौरव’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 8 से 10 अप्रैल के बीच इनके रिलीज ट्रायल्स को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ये परीक्षण सुखोई-30 एमके-1 विमान से किए गए, जिसमें हथियार को विभिन्न वॉरहेड कॉन्फिगरेशन के साथ कई स्टेशनों पर एकीकृत किया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, वायुसेना और उद्योग जगत को इस सफल ट्रायल के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि ‘गौरव’ लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम का विकास सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और अधिक मजबूत बनाएगा।

100 किलोमीटर दूर तक सटीक निशाना

इस प्रणाली के विकास में ‘डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन’ पार्टनर्स अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज, भारत फोर्ज और विभिन्न एमएसएमई का सहयोग रहा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, परीक्षणों के दौरान इस बम ने लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक अत्यंत सटीकता के साथ लक्ष्य को निशाना बनाया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 1,000 किलोग्राम वर्ग का यह ग्लाइड बम पूरी तरह स्वदेशी है। इसे रिसर्च सेंटर इमरत, आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट और इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।

परीक्षण के दौरान वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद

परीक्षणों की निगरानी डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई। ये परीक्षण भारतीय वायुसेना में इस हथियार के शामिल होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। सैन्य वायु गुणवत्ता एवं प्रमाणन केंद्र और एयरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस महानिदेशालय ने प्रमाणन और गुणवत्ता आश्वासन में योगदान दिया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने पूरी डीआरडीओ टीम को इस सफल परीक्षण के लिए शुभकामनाएं दीं। गौरतलब है कि भारत ने बीते सप्ताह ही सतह से हवा में मार करने वाली एक विशेष मिसाइल का परीक्षण किया था। यह सफल परीक्षण डीआरडीओ और भारतीय सेना ने मिलकर किया था। यह आर्मी संस्करण की मध्यम-दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।

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