भारत को वैश्विक परिदृश्य में रक्षा और अंतरिक्ष तकनीक में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत ऑपरेशन सिंदूर ने एडवांस एयर वॉरफेयर और ड्रोन टेक्नोलॉजी को उजागर किया। रिपोर्ट में भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास पर जोर दिया गया है।
बदले वैश्विक परिदृश्य में भारत को मिलिट्री हार्डवेयर, स्पेस टेक्नोलॉजी, ड्रोन, एयर डिफेंस सिस्टम, विमान वाहक, स्मार्ट ग्रिड और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।
‘मेक इन इंडिया’ पहल के रणनीतिक महत्व को उजागर करते हुए ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के एडवांस एयर वॉरफेयर, मिसाइल सिस्टम और ड्रोन टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया।पीएल कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, “जैसे-जैसे वैश्विक शक्तियां दक्षिण पूर्व एशिया में अपने पदचिह्न का विस्तार कर रही हैं, वैसे-वैसे भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बढ़ने के आसार हैं।”
‘इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट’ में बताया गया है कि यह भारत के लिए बदलती भू-राजनीतिक गतिशीलता को लेकर अपनी तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास को तेज करने की तत्काल जरूरत को भी दिखाता है। इसके अलावा, भारतीय बाजार, जो हाल के महीनों में एफआईआई की बिक्री के कारण दबाव में थे, ने पिछले छह हफ्तों में निफ्टी पर 10 प्रतिशत रिटर्न देते हुए तेज रिकवरी की है।
वित्त वर्ष 2025 के चौथी तिमाही के नतीजे अब तक उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। साथ ही, शहरी खपत में सुधार के शुरुआती संकेत उभर रहे हैं, जिसमें आने वाली तिमाहियों में धीमा लेकिन निरंतर सुधार रहेगा। वित्त वर्ष 2025 में कृषि उत्पादन में खरीफ फसलों में 6.8 प्रतिशत और रबी फसलों में लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट’ में बताया गया है कि यह भारत के लिए बदलती भू-राजनीतिक गतिशीलता को लेकर अपनी तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास को तेज करने की तत्काल जरूरत को भी दिखाता है। इसके अलावा, भारतीय बाजार, जो हाल के महीनों में एफआईआई की बिक्री के कारण दबाव में थे, ने पिछले छह हफ्तों में निफ्टी पर 10 प्रतिशत रिटर्न देते हुए तेज रिकवरी की है।
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वित्त वर्ष 2025 के चौथी तिमाही के नतीजे अब तक उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। साथ ही, शहरी खपत में सुधार के शुरुआती संकेत उभर रहे हैं, जिसमें आने वाली तिमाहियों में धीमा लेकिन निरंतर सुधार रहेगा। वित्त वर्ष 2025 में कृषि उत्पादन में खरीफ फसलों में 6.8 प्रतिशत और रबी फसलों में लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इसके अतिरिक्त, मई में जलाशय का स्तर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य मानसून से जल स्तर ऊंचा रहने की उम्मीद है, जिसका अगली रबी फसल पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।