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भारत ने स्पेस में बनाया शतक, पीएम मोदी ने की युवाओं की भागीदारी की सराहना

पीएम मोदी ने अंतरिक्ष में भारत की सफलता और युवाओं की भूमिका की तारीफ की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ की 119वीं कड़ी में चैंपियंस ट्रॉफी, स्पेस सेक्टर में भारत की उपलब्धि, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की टीम में नारी शक्ति के उदय और युवाओं की इस क्षेत्र में बढ़ती दिलचस्पी की सराहना की। पीएम मोदी ने युवाओं को रुचि विकसित करने के लिए सुझाव भी दिए और एआई के क्षेत्र में भारत की उभरती मजबूत पहचान पर भी बात की। पीएम ने बताया कि नई तकनीक को अपनाने में युवाओं की भागीदारी एक नई क्रांति को जन्म दे रही है।

पीएम मोदी ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के चलते देश में व्याप्त क्रिकेट के माहौल पर बात करते हुए कहा, “इन दिनों चैंपियंस ट्रॉफी चल रही है और हर तरफ क्रिकेट का माहौल है। क्रिकेट में क्रिकेट का रोमांच क्या होता है, ये तो हम सब भली-भांति जानते हैं।”

23 फरवरी को भी इस प्रतियोगिता में भारत-पाक का बहुप्रतीक्षित मुकाबला होने जा रहा है, जिसको लेकर देश में गजब का उत्साह है। पीएम ने कहा कि भारत एक तरफ क्रिकेट में कई उपलब्धियां हासिल करता जा रहा है, तो वहीं ऐसे ही रिकॉर्ड स्पेस सेक्टर यानी अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भी बनाता जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जैसे टीम इंडिया क्रिकेट में शतक लगाती है, भारत ने अंतरिक्ष में भी शानदार ‘शतक’ बनाया है। पिछले महीने देश इसरो के 100वें रॉकेट के प्रक्षेपण का साक्षी बना है। यह केवल एक नंबर नहीं है, बल्कि इससे अंतरिक्ष विज्ञान में नित नई ऊंचाइयों को छूने के हमारे संकल्प का भी पता चलता है।

पीएम मोदी ने कहा, “हमारी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत बहुत ही सामान्य तरीके से हुई थी। इसमें कदम-कदम पर चुनौतियाँ थीं, लेकिन हमारे वैज्ञानिक विजय प्राप्त करते हुए आगे बढ़ते ही गए। समय के साथ अंतरिक्ष की इस उड़ान में हमारी सफलताओं की सूची काफी लंबी होती चली गई। प्रक्षेपण यान का निर्माण हो, चंद्रयान की सफलता हो, मंगलयान हो, आदित्य एल-1 या फिर एक ही रॉकेट से, एक ही बार में, 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने का अभूतपूर्व अभियान हो – इसरो की सफलताओं का दायरा काफी बड़ा रहा है। बीते 10 वर्षों में ही करीब 460 उपग्रह प्रक्षिप्त किए गए हैं और इसमें दूसरे देशों के भी बहुत सारे उपग्रह शामिल हैं।”

पीएम मोदी ने कहा कि हाल के वर्षों की एक बड़ी बात ये भी रही है कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की हमारी टीम में नारी-शक्ति की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। मुझे यह देखकर भी बहुत खुशी होती है कि आज अंतरिक्ष क्षेत्र हमारे युवाओं के लिए बहुत प्रिय बन गया है। कुछ साल पहले तक किसने सोचा होगा कि इस क्षेत्र में स्टार्ट-अप और निजी क्षेत्र की स्पेस कंपनियों की संख्या सैकड़ों में हो जाएगी। हमारे जो युवा, जीवन में कुछ रोमांचक और उत्साहपूर्ण करना चाहते हैं, उनके लिए अंतरिक्ष क्षेत्र एक बेहतरीन विकल्प बन रहा है।

पीएम मोदी ने आगे जानकारी दी कि आने वाले कुछ ही दिनों में हम ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ मनाने जा रहे हैं। हमारे बच्चों का, युवाओं का विज्ञान में रुचि और जुनून होना बहुत मायने रखता है। इसे लेकर मेरे पास एक विचार है, जिसे आप ‘एक दिन वैज्ञानिक के रूप में’ कह सकते हैं, यानी, आप अपना एक दिन एक वैज्ञानिक के रूप में बिताकर देखें। आप अपनी सुविधा के अनुसार, अपनी मर्जी के अनुसार, कोई भी दिन चुन सकते हैं। उस दिन आप किसी रिसर्च लैब, तारामंडल, या फिर अंतरिक्ष केंद्र जैसी जगहों पर जरूर जाएं। इससे विज्ञान को लेकर आपकी जिज्ञासा और बढ़ेगी।

पीएम मोदी ने आगे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में भारत की प्रगति पर बात करते हुए कहा, “हाल ही में, मैं एआई के एक बड़े सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पेरिस गया था। वहां दुनिया ने इस क्षेत्र में भारत की प्रगति की खूब सराहना की। हमारे देश के लोग आज एआई का उपयोग किस-किस तरह से कर रहे हैं, इसके उदाहरण भी हमें देखने को मिल रहे हैं। अब जैसे, तेलंगाना में आदिलाबाद के सरकारी स्कूल के एक शिक्षक थोडासम कैलाश जी हैं। डिजिटल गीत-संगीत में उनकी दिलचस्पी हमारी कई आदिवासी भाषाओं को बचाने में बहुत महत्वपूर्ण काम कर रही है। उन्होंने एआई उपकरणों की मदद से कोलामी भाषा में गाना तैयार कर कमाल कर दिया है। वे एआई का उपयोग कोलामी के अलावा भी कई और भाषाओं में गीत तैयार करने के लिए कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके ट्रैक हमारे आदिवासी भाई-बहनों को खूब पसंद आ रहे हैं।”

पीएम मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र हो या फिर एआई, हमारे युवाओं की बढ़ती भागीदारी एक नई क्रांति को जन्म दे रही है। नई-नई प्रौद्योगिकी को अपनाने और आजमाने में भारत के लोग किसी से पीछे नहीं हैं।

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