'PAK के हर हिस्से तक पहुंचने में सक्षम है भारत...', लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा की Pakistan को दो टूक - Punjab Kesari
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‘PAK के हर हिस्से तक पहुंचने में सक्षम है भारत…’, लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा की Pakistan को दो टूक

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा का पाकिस्तान को सशक्त संदेश

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य शक्ति को लेकर पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत किसी भी खतरे का निर्णायक जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का कोई भी हिस्सा भारतीय हमले की पहुंच से बाहर नहीं है, चाहे वह रावलपिंडी हो या खैबर पख्तूनख्वा।

Operation Sindoor: भारतीय सेना के वायु रक्षा महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’ कुन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सैन्य ताकत को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अब किसी भी खतरे का जवाब सटीक और निर्णायक तरीके से देने में सक्षम है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के किसी भी इलाके में घुसकर कार्रवाई की भारत के पास पूरी क्षमता है: चाहे वह रावलपिंडी हो या खैबर पख्तूनख्वा.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनके अनुसार, पाकिस्तान का कोई भी कोना भारतीय हमले की पहुंच से बाहर नहीं है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भले ही पाकिस्तानी सेना अपना मुख्यालय कहीं भी स्थानांतरित कर ले, उन्हें बचने के लिए ज़मीन में गहरी सुरंग ढूंढनी पड़ेगी.

क्या था ऑपरेशन सिंदूर?

भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 6-7 मई की रात, ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी शिविरों और एयरबेस पर सटीक हमले किए. इस अभियान में भारत ने अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों का प्रयोग किया, जिनमें शामिल थे:

1-लोइटरिंग म्यूनिशन

2-लॉन्ग-रेंज ड्रोन

3-गाइडेड हथियार

भारतीय हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालय, घुसपैठ मार्ग और कंट्रोल रूम पूरी तरह ध्वस्त कर दिए गए. इसमें 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया गया, जिनमें कई भारत में वांछित आतंकवादी भी थे.

सेना की बदली सोच: अब आक्रामक रुख

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने आगे कहा कि अब भारत की सैन्य नीति में सहनशीलता की जगह निर्णायक प्रतिक्रिया ने ले ली है. उन्होंने इस रणनीति को “शिशुपाल सिद्धांत” का नाम दिया. इस सिद्धांत के अनुसार, ‘जब तक सीमा नहीं लांघी जाती, हम धैर्य रखते हैं, लेकिन जैसे ही रेखा पार होती है, हम तुरंत और निर्णायक कार्रवाई करते हैं.’

इस नई सोच से भारत ने वैश्विक स्तर पर यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि अब वह केवल आतंकवाद से बचाव नहीं, बल्कि उसे जड़ से खत्म करने की नीति पर चल रहा है.

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स्वदेशी तकनीक और सैन्य समन्वय की सफलता

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक की भी झलक देखने को मिली. भारतीय सेना ने ड्रोन डिटेक्शन और इंटरसेप्शन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए दुश्मन के UAVs को निष्क्रिय किया. साथ ही, लॉन्ग-रेंज मिसाइलों ने आतंकी ठिकानों को बिना किसी नागरिक क्षति के सफलतापूर्वक नष्ट किया. इस अभियान में तीनों सैन्य शाखाओं- थलसेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों ने यूनिफाइड कमान संरचना के तहत सामूहिक रूप से काम किया.

डी’कुन्हा ने इस समन्वय को लेकर कहा, ‘हमने केवल सीमाओं की रक्षा नहीं की, बल्कि अपनी छावनियों, नागरिक इलाकों और सैनिकों के परिवारों को भी सुरक्षित रखा. यही हमारी असली विजय है.’

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