नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की भारत की स्वतंत्रता पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत एक महान राष्ट्र है और यह हम सबका है। हमने बहुत मेहनत से स्वतंत्रता प्राप्त की है। हमें इस स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए भाईचारा बनाना होगा, मुझे उम्मीद है कि मोहन भागवत और सभी लोग एक ऐसा भारत बनाएंगे जिसमें हम सद्भाव और प्रगति के साथ रह सकें। हम सभी ऐसा भारत चाहते हैं।
सोमवार को मोहन भागवत ने कहा था कि भारत ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सच्ची स्वतंत्रता देखी।
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि “भारत की सच्ची आज़ादी, जिसने कई शताब्दियों तक उत्पीड़न का सामना किया, राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन स्थापित हुई। भारत को आज़ादी तो मिली थी, लेकिन इसकी स्थापना नहीं हुई थी।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की।
सीएम बनर्जी ने कहा कि “अपनी आज़ादी के इतिहास को इस तरह भूलना ठीक नहीं है, मुझे लगता है कि यह कहना ख़तरनाक बात है। इसे वापस लिया जाना चाहिए। हमारी आज़ादी अमर रहे। हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का जश्न मनाना चाहिए। इतने सारे युवाओं ने अपनी जान दी। क्या वे देश के पूरे इतिहास को इस तरह भूल जाएँगे?”