झारखंड में बिजली दरों में वृद्धि, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर असर - Punjab Kesari
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झारखंड में बिजली दरों में वृद्धि, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर असर

बिजली बिल पर 2% छूट, समय पर भुगतान पर लाभ

झारखंड में नए बिजली दरों की घोषणा के बाद शहरी क्षेत्रों में प्रति यूनिट 20 पैसे और ग्रामीण क्षेत्रों में 40 पैसे की वृद्धि हुई है। कृषि कार्यों पर दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि मीटर रेंट को समाप्त कर दिया गया है। 200 यूनिट तक के उपयोगकर्ताओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा।

झारखंड में वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की नई दरों की घोषणा कर दी गई है। शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट बिजली के लिए 20 पैसे और ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 40 पैसे ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा। कृषि कार्यों के लिए बिजली दर में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इसके अलावा सभी तरह के उपभोक्ताओं को मीटर रेंट का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। 200 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को पहले की तरह कोई भी शुल्क नहीं अदा करना होगा। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए टैरिफ की जानकारी दी। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने आयोग के समक्ष बिजली दरों में 40.02 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया था, जिस पर आयोग ने केवल 6.34 की वृद्धि की मंजूरी दी है।

बिजली की दरों में वृद्धि के खिलाफ आप ने धरना दिया

नई बिजली दरें तय करने से पहले राज्य के सभी पांच प्रमंडलों में आयोग की ओर से जनसुनवाई की गई थी। इस दौरान आम उपभोक्ताओं और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने राज्य में बिजली की दरों में 40 फीसदी से अधिक वृद्धि के प्रस्ताव पर जबर्दस्त विरोध दर्ज कराया था। नई दरों के अनुसार, शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट बिजली के लिए 6.85 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को 6.70 रुपए के हिसाब से भुगतान करना पड़ेगा। नए टैरिफ में प्रावधान किया गया है कि उपभोक्ता यदि 5 दिनों के भीतर बिल भुगतान करते हैं तो उन्हें कुल बिल पर 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

आयोग ने जेबीवीएनएल को निर्देश दिया है कि जिस अवधि में उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति नहीं होगी, उस अवधि के लिए फिक्स्ड चार्ज की राशि नहीं ली जाए। इस राशि के समायोजन का लाभ बिलिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपभोक्ताओं को स्वतः मिलेगा। फिक्स्ड चार्ज की पूरी वसूली के लिए यह अनिवार्य होगा कि एचटी (हाईटेंशन) श्रेणी के उपभोक्ताओं को 23 घंटे और एलटी (लो टेंशन) श्रेणी के उपभोक्ताओं को 21 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

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