सीएम नायडू ने कहा कि वे परिवार को एक ‘इकाई’ मानकर उसके आकार के अनुसार सहायता देने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे परिवार जो तीन या अधिक बच्चों वाले हैं, उन्हें कुछ प्रकार के प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं.
Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में घटती जनसंख्या वृद्धि दर को लेकर चिंता जताई है. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि राज्य में प्रजनन दर में कमी से भविष्य में सामाजिक और आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इसी संदर्भ में उन्होंने बड़े परिवारों को आर्थिक सहायता देने की संभावनाओं पर विचार करने की बात कही है.
मीडिया से बातचीत में सीएम नायडू ने कहा कि वे परिवार को एक ‘इकाई’ मानकर उसके आकार के अनुसार सहायता देने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे परिवार जो तीन या अधिक बच्चों वाले हैं, उन्हें कुछ प्रकार के प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं. यह कदम उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया जा सकता है जो बड़े परिवार बनाने का निर्णय लेते हैं.
पहले के कानूनों से उलट नीति?
यह विचार उस समय सामने आया है जब आंध्र प्रदेश में पहले दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को पंचायत या नगरीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कानून में संशोधन किया गया था. उस समय का उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना था. मगर अब बदलती सामाजिक परिस्थितियों और घटती प्रजनन दर को देखते हुए सरकार की सोच में बदलाव दिख रहा है.
शून्य गरीबी लक्ष्य के तहत नई पहल
मुख्यमंत्री नायडू ने ‘शून्य गरीबी’ को सरकार का एक प्रमुख लक्ष्य बताया है. इसके तहत परिवारों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की जा रही हैं. प्रजनन दर को स्थिर करने और सामाजिक संरचना को संतुलित बनाए रखने के लिए बड़े परिवारों को सहयोग देने का विचार इसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है.
पीढ़ियों की सोच में अंतर
सीएम नायडू ने यह भी कहा कि पहले की पीढ़ियों में चार या पांच बच्चे होना आम बात थी. लेकिन अब आधुनिक पीढ़ी एक या अधिकतम दो बच्चों तक ही सीमित रहना चाहती है. उन्होंने यह भी कहा कि कई युवा अब ‘डीआईएनके’ यानी दोहरी आय लेकिन बिना बच्चों के जीवन शैली अपना रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि अगर उनके माता-पिता ने भी ऐसा ही सोचा होता, तो आज वे इस दुनिया में नहीं होते.
महिला ने व्यक्ति की हत्या की, गांव की महिलाओं ने शव को जलाया
वैश्विक उदाहरणों से चेतावनी
मुख्यमंत्री ने दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोप के कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जनसंख्या में गिरावट के चलते सामाजिक असंतुलन पैदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि इन देशों में लोग केवल आय बढ़ाने और उपभोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जबकि जनसंख्या संतुलन भी उतना ही जरूरी है.