प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भाजपा की अहम बैठक में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर संगठनात्मक बदलावों पर चर्चा हुई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा जल्द की जा सकती है। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी के संगठनात्मक चुनावों को लेकर बुधवार को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की अहम बैठक हुई। प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष शामिल हुए। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगामी चुनाव पर चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चुनाव की घोषणा एक सप्ताह के भीतर की जा सकती है। बैठक में राष्ट्रीय नेतृत्व पर विचार-विमर्श के अलावा राज्य स्तर पर संगठनात्मक बदलावों पर भी चर्चा हुई।
सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लिए भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर चर्चा हुई। पार्टी अगले दो से तीन दिनों में करीब आधा दर्जन राज्य इकाई अध्यक्षों की घोषणा कर सकती है। संगठनात्मक फेरबदल से आगामी चुनावों से पहले भाजपा की चुनावी रणनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के लिए चुनाव प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू हो सकती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में होना था। लेकिन अप्रैल आधा बीत जाने के बाद भी यह अभी तक लंबित है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि देरी इसलिए हो रही है क्योंकि संगठन को और मजबूत करने के लिए एक नेता का सावधानीपूर्वक चयन किया जा रहा है।
जनवरी 2020 से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे जेपी नड्डा ने अगले नेतृत्व चरण के लिए सुचारू संक्रमण और उचित तैयारी सुनिश्चित करने के लिए अपने कार्यकाल को तीन साल की सीमा से आगे बढ़ा दिया था। भाजपा संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल आम तौर पर तीन साल का होता है, जिसे पार्टी के भीतर आम सहमति से चुना जाता है।
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