किसानों के हितैषी वंशवाद को बढ़ावा देने में रहे - Punjab Kesari
Girl in a jacket

किसानों के हितैषी वंशवाद को बढ़ावा देने में रहे

NULL

केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि किसानों के विकास की बात करने वाले किसानों का नहीं अपनों को विकास करने में पीछे नहीं रहे। कृषि कार्य का पैसा खर्च नहीं हो पा रहा था। श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कृषि विकास सम्मेलन में कृषि मंत्री ने कांग्रेस व राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों की बात करने वाले यूपीए की सरकार में बजट से भी कम खर्च किया गया। साढ़े तीन साल में बिहार के कृषि मंत्री केन्द्रीय मंत्रालय नहीं पहुंचे।

पिछली सरकार में जहां हर महीने घोटाला होता था वहीं एनडीए की सरकार में 23 सिंचाई परियोजना पूरी होने वाला है जिसमें बिहार में पुनपुन एवं दुर्गावती परियोजना मार्च 2018 तक पूरा हो जायेगा। देश के 99 कृषि आधारित परियोजना 2020 तक पूरा होगा। 60 साल तक शासन कर ने वालों के शासन में सभी परियोजनाएं लंबित पड़ी रही। उन्होंने कहा कि आउटपुट मैनेजमेंट के आधार पर आज किसानों को फायदा मिल रहा है।

यूपीए शासन में 30 हजार करोड़ बजट जिसमें 25 करोड़ खर्च किया वहीं एनडीए की सरकार में 45 हजार करोड़ के बजट में 57 हजार करोड़ कृषि योजना पर खर्च किया गया। बजट के अलावे सिंचाई योजना के लिए अलग से 5 हजार करोड़, डेयरी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 हजार 808 करेाड़ की स्वीकृति मिली।

बिहार स्थित आईसीआर के दिल्ली जाने के बाद आईसीआर नहीं बना, वहीं एनडीए की सरकार में दूसरा आईसीआर बिहार व झारखंड के बॉर्डर पर बरही चौक पर निर्माण किया जायेगा। श्री सिंह ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए एनडीए सरकार काम कर रही है।

देश के 80 प्रतिशत देशी गायें लघु किसानों के पास है। अब हिन्दुस्तान की देशी गायें विदेश जा रही है इसके लिए गौमिशन लागू किया गया है। जिसके तहत 17 गोकुल ग्राम बने, लेकिन बिहार में यह नहीं था अब बिहार सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध करायी गयी है। पशु ई-हाट चालू किया गया। जिसमें 75 किसानों का पंजीकरण है जिनके यहां से गाय का खरीददारी हो रही है।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।