राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज दावा किया कि सैयद शाहिद युसूफ ने यह स्वीकार कर लिया है कि कश्मीर घाटी में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उसे पैसे दिए गए थे। युसूफ विश्व स्तर पर वांछित आतंकी और हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का बेटा है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि युसूफ को आगे की पूछताछ के लिए एजेंसी की सात दिन की कस्टडी में भेजा गया था। उसने हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए पैसा जुटाने वाले विदेशों में मौजूद आतंकी संगठन के सदस्यों के नाम भी बताए।
जम्मू-कश्मीर सरकार के कृषि विभाग में काम करने वाले 42 वर्षीय युसूफ को कल गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान युसूफ ने यह माना है कि उसके पिता मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन के इशारे पर घाटी में आतंकी गतिविधियों को भड़काने के लिए हिज्बुल के कार्यकर्ताओं ने उसे पैसा दिया था। एनआईए ने यह भी कहा कि उसने विदेशों में मौजूद अपने उन सहयोगियों के नामों का खुलासा भी किया है जो मुजाहिदीन से जुड़ हैं और पैसा जुटा कर अन्य देशों से भारत में भेजने का काम करते हैं।
एजेंसी ने कहा कि इसे सत्यापित किया जा चुका है और जांच की जा रही है। एनआईए ने आरोप लगाया कि युसूफ को अमेरिका स्थित एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कंपनी (इंटरनेशनल वायर ट्रांसफर कंपनी) के जरिए एजाज अहमद भट से पैसा मिला था। भट इस मामले में एक अन्य आरोपी है और फरार है। वह सरूदी अरब का रहने वाला है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि युसूफ भी उन कई भारतीय लोगों में से एक है जो मनी ट्रांसफर कोड प्राप्त करने के लिए टेलीफोन के जरिए भट के संपर्क में रहते थे। एनआईए ने दावा किया कि आठ इंटरनेशनल वायर ट्रांसफर के जरिए अब तक उसे लगभग साढ़ चार लाख रूपये मिले हैं।
यह मामला एनआईएन ने अप्रैल 2011 में दर्ज किया था। यह पाकिस्तान से दिल्ली के रास्ते हवाला के जरिए जम्मू-कश्मीर में पैसा भेजने का मामला है। एजेंसी का मानना है कि इस पैसे का इस्तेमाल आतंक के विथपोषण और इससे संबंधित गतिविधियों में किया गया। एनआईए ने अब तक छह लोगों के खिलाफ दो आरोप पत्र दाखिल किए हैं।